MCD-NHAI Plan: दिल्ली के 5 व्यस्त बॉर्डर होंगे जाम मुक्त, एमसीडी और एनएचएआई ने बनाया खास प्लान
दिल्ली के 5 प्रमुख बॉर्डरों पर रोजाना लंबा ट्रैफिक जाम लगता है। एनएचएआई और एमसीडी ने अब खास प्लान तैयार किया है, जिससे दिल्ली और एनसीआर शहरों के बीच कनेक्टिविटी सुगम होना तय है।
दिल्ली के 5 प्रमुख बॉर्डरों को जाम मुक्त कराने की योजना।
दिल्ली के पांच प्रमुख बॉर्डरों पर रोजाना जाम की स्थिति बनी रहती है। इस समस्या को देखते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया था कि एमसीडी के टोल बूथ हटाए जाने चाहिए। चूंकि टोल बूथ हटाए जाएंगे तो दिल्ली सरकार को करीब 800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ेगा। ऐसे में एमसीडी और एनएचएआई ऐसे प्लान पर काम कर रही है, जिससे एमसीडी को नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा, साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या भी खत्म हो जाएगी। तो चलिये बताते हैं कि दिल्ली के बॉर्डरों पर ट्रैफिक जाम कम करने के लिए एमसीडी और एनएचएआई के प्लान के बारे में...
ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण टोल बूथ
एमसीडी के टोल बूथ को दिल्ली के बॉर्डरों पर ट्रैफिक जाम लगने का एक प्रमुख कारण बताया गया है। दिल्ली में कुल 150 से ज्यादा टोल बूथ है। रोजाना एक लाख से अधिक वाहन दिल्ली में प्रवेश करते हैं। इनमें से 50 फीसद वाहन कर्मिशियल होते हैं। दिल्ली के 5 प्रमुख बॉर्डर है, जहां रोजाना वाहन चालकों को लंबे ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।
इनमें नजफगढ़-बहादुरगढ़ बॉर्डर पर झड़ोदा कलां, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, एनएच-19/44 पर बदरपुर बॉर्डर, एनएच-48 पर सरहौल-रजोकरी बॉर्डर और द्वारका एक्सप्रेसवे पर विजवासन के पास टोल बूथ हैं, जो कि यातायात को प्रभावित करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स में एनएचएआई के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि एमसीडी ने इन स्थानों पर शुल्क वसूलने वाली एजेंसी तैनात की है, जिससे ट्रैफिक जाम सुगम होने की बजाए बाधा उत्पन्न कर रही है। चूंकि एनएचएआई दिल्ली से पड़ोसी शहरों के बीच ट्रैफिक कनेक्टिविटी को सुगम करने की दिशा में कार्य कर रही है, लिहाजा इन टोल बूथ का वैकल्पिक समाधान आवश्यक है।
एनएचएआई के इस मुद्दे पर एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि हवाई अड्डे की सीमा से ठीक पहले संर्कीण, घुमावदार सड़क से वाहनों की रफ्तार धीमी होती है। इसके अलावा अर्बन एक्सटेंशन रोड 2 ट्रैफिक के विलय से भी जाम की स्थिति बन रही है। अधिकारियों ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए मल्टी लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल प्रणाली को लागू करना है।
इसमें भैतिकी प्लाजा की आवश्यकता नहीं है। यह टोलिंग सिस्टम को गैंट्री पर लगाया जाएगा, जो वाहनों के एंट्री करते ही फास्टैग और लाइसेंस प्लेट ऑटोमेटिक स्कैन हो जाएंगे और वाहन चालक के रूके बिना टोल टैक्स कट जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि एमसीडी को टोल बूथों से 800 करोड़ रुपये की राजस्व राशि प्राप्त होती है। ऐसे में इस टेक्निक के माध्यम से एमसीडी को इसका नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा।
एमसीडी-एनएचएआई इस योजना के लिए तैयार?
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एनएचएआई टोलिंग सिस्टम के क्षेत्र में विशेषज्ञ है। ऐसे में एनएचएआई के सफल टोल साइट्स का दौरा कर अध्ययन किया जाएगा। देखा जाएगा कि एमसीडी फास्टैग को बैंक खातों, परमिट और बीमा आदि से जोड़कर राजस्व की सुरक्षा की योजना है।
उधर, एक रिपोर्ट में बताया कि एनएचएआई ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को दस्तावेज भेजे हैं, जिसमें बताया गया कि एमसीडी को फास्टैग/टोलिंग एकीकरण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड से संपर्क किया जा सकता है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही दिल्ली के सभी बॉर्डर जाम मुक्त नजर आ सकते हैं।