MCD Workers Protest: निगम एमटीएस कर्मियों को नहीं मिल रहा है हक, 28 दिनों से जारी हड़ताल
MCD Workers Protest: दिल्ली नगर निगम के एमटीएस कर्मी पिछले 28 दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि अब तक उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
दिल्ली एमसीडी वर्कर्स का प्रदर्शन।
दयाराम/हरिभूमि: राजधानी दिल्ली में काम करने वाले दिल्ली नगर निगम के एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) कर्मी पिछले 28 दिनों से अपनी जायज़ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे निगम मुख्यालय सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। हालांकि अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के महासचिव देवानंद शर्मा, सचिव रामपाल ने बताया कि तीन इंजन की सरकार के बावजूद भी उनकी मांगों पर अभी तक निर्णय नहीं हो सका है और इसके चलते हमारा संघर्ष आज भी जारी है। उन्होंने बताया कि अब सबकी निगाहें दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह पर टिकी हैं, जिन्होंने 5200 परिवारों के मामले आश्वासन दिया है कि कमेटी की बैठक के बाद उनकी मांगों पर जल्द निर्णय होगा।
विपक्षी नेता ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए बताया कि निगम अधिकारी आंकड़ों को लेकर झूठ बोल रहे हैं कि 5200 नहीं, 33 हजार कर्मियों को लाभ देना होगा, जबकि निगम में एमटीएस सिर्फ 9 हजार हैं। नारंग ने कहा कि अधिकारियों को 400 करोड़ का आंकड़ा भी गलत है, 9 हजार एमटीएस पर 90 करोड़ और 5200 कर्मियों पर 41 करोड़ का ही बोझ पड़ेगा।
चुप्पी साध लेती है सरकार
यूनियन में सचिव रामपाल ने बताया कि वे पिछले तीस साल से लगातार ड्यूटी पर रहते हुए भी नियमितीकरण, समान वेतन जैसी बुनियादी मांगों से वंचित हैं। उनकी मेहनत से दिल्ली नगर निगम में जलजनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया नियंत्रित की व्यवस्था चलती है, लेकिन जब बात उनके हक़ की आती है तो सरकारें चुप्पी साध लेती हैं। कर्मियों ने कोरोना काल में संक्रमण नियंत्रण का काम किया, मानसून में मच्छर नियंत्रण का काम किया लेकिन पिछले तीन वर्षों से आज भी हमारा भविष्य अंधेरे में है। तीन-तीन सरकारें हैं, लेकिन समाधान कोई नहीं।