JNUSU Election 2025: जेएनयू चुनाव में इस बार 67 प्रतिशत वोटिंग, 6 नवंबर को घोषित होगा परिणाम

JNUSU Election 2025: जेएनयू में छात्र संघ के चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। परिणाम कल घोषित किया जाएगा।

Updated On 2025-11-05 11:23:00 IST

जेएनयू छात्र संघ चुनाव परिणाम।   

JNUSU Election 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ चुनाव में वोटिंग प्रकिया मंगलवार, 4 नवंबर को पूरी हो गई। इस साल करीब 67% स्टूडेंट्स ने वोट डाले, जो पिछले साल के मुकाबले 3% कम हैं। अब सबकी नजर छात्र संघ चुनाव के परिणाम पर टिकी है। काउंटिंग मंगलवार रात 9 बजे से शुरू हो गई है, जो बुधवार को भी जारी रहेगी। चुनाव परिणाम कल यानी 6 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

विश्वविद्यालय चुनाव आयोग के मुताबिक Covid-19 के बाद इस साल सबसे कम वोटिंग हुई है। आयोग का यह भी कहना है कि कुल 9,043 स्टूडेंट्स वोट देने के योग्य थे, जिनमें से 67% ने अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट डाला। स्टूडेंट यूनियन के चुने हुए प्रतिनिधियों का काम स्टूडेंट्स की समस्या सुनकर उनका समाधान करना होता है। प्रतिनिधि ज़रूरत पड़ने पर विवि प्रशासन के खिलाफ भी आवाज उठाते हैं।

मैदान में उतरे कितने उम्मीदवार?

  • प्रेजिडेंट पोस्ट के लिए अदिति मिश्रा, अंगद सिंह, राज रतन राजोरिया, शिंदे विजयलक्ष्मी व्यंकट राव, शीर्ष इंदु, विकास पटेल और विकास
  • वाइस प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए किझाकूट गोपिका बाबू, शेख शाहनवाज़ आलम और तान्या कुमारी।  
  • जनरल सक्रेटरी पोस्ट के लिए गोपी कृष्णन यू, प्रीति, राजेश्वर कांत दुबे, शुएब खान और सुनील यादव।
  • जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट के लिए अनुज, दानिश अली, कुलदीप ओझा, मनमोहन मित्रुका और रवि राज । 

उम्मीदवारों का किस पार्टी से संबंध है?

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष पद के लिए तान्या कुमारी, महासचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज दमारा को चुनावी मैदान में उतारा है।

वाम गठबंधन (AISA, DSF and SFI) से अध्यक्ष पद के लिए इस बार अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद के लिए किझाकूट गोपिका बाबू, महासचिव पद के लिए सुनील यादव और संयुक्त सचिव पद के लिए दानिश अली चुनावी मैदार में उतरे हैं।

पहली बार एक ही साल में दो बार चुनाव

जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) 2024-25 के चुनाव इसी साल 25 अप्रैल 2025 को हुए थे, लेकिन यूनियन का कार्यकाल सिर्फ साढ़े पांच महीने का ही रहा। यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय में एक ही वर्ष के भीतर दो बार चुनाव कराए जा रहे हैं।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।

Tags:    

Similar News