Horror Places: दिल्ली की खूनी झील, जिससे आती हैं डरावनी आवाजें, जानें वजह...

Delhi Horror Places: देश की राजधानी दिल्ली में एक झील, खूनी झील के नाम से प्रसिद्ध है। दिल्ली वालों का कहना है कि इस झील से डरावनी आवाजें आती है।

Updated On 2025-07-11 07:00:00 IST

खूनी झील

Delhi Horror Places: दिल्ली अपने रोचक इतिहास के लिए जानी जाती है। यहां पर अनेक ऐतिहासिक बावड़ी, झील, किले और पुरानी इमारत मौजूद हैं। इनमें हर एक जगह की अपनी कहानी और रहस्य है। इन ऐतिहासिक जगहों पर लोगों की चहल-पहल खूब देखने को मिलती है। लोग यहां घूमने और आनंद लेने के लिए आते हैं। परन्तु दिल्ली में एक ऐसी झील है, जहां पर कोई जाना नहीं चाहता।

इस झील को खूनी झील के नाम से भी जाना चाहता है। ये झील कमला नेहरू रिज इलाके में स्थित है। इससे जुड़ी अनेक कहानियां और रहस्य लोगों के बीच चर्चा का विषय हैं। आइए जानते है दिल्ली की इस डरावनी झील के बारे में...

कैसे पड़ा खूनी झील नाम

ऐसा दावा किया जाता है कि इस झील का इतिहास 1857 की क्रान्ति से जुड़ा है। 1857 की क्रान्ति के समय अनेक लड़ाइयां हुईं, उस समय कमला नेहरू रिज इलाके में भी भयंकर लड़ाई लड़ी गई थी। भारतीय और ब्रिटिश सिपाहियों के युद्ध में अनेक लोग मारे गए थे। उनके साथ-साथ घोड़े, हाथी और खच्चर भी मारे गए थे। लोगों का ऐसा कहना है कि इन सभी के शवों को इस झील में फेंक दिया गया था। ऐसा करने से इस झील का पानी लाल पानी में बदल गया और इस पानी से गन्दी बदबू आने लगी थी। इसी कारण इस झील को खूनी झील नाम दिया गया था। 

शवों को निगल जाती है झील

इस झील की गहराई को लेकर आज भी रहस्य बना हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झील की गहराई बहुत अधिक है, किन्तु इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है। अब तक इस झील में कई लोग डूब चुके हैं। इस झील को एक्सप्लोर करते या सेल्फी लेते समय पैर फिसलने से अब तक कई मौतें हो चुकी हैं। कुछ लोग तो तैरने के चक्कर में अपनी जान गवां बैठे हैं। हैरानी की बात ये है कि मौत के बाद शवों का पता नहीं लग पाता है। इस नदी के पास जाने के लिए प्रशासन ने भी पाबंदी लगा रखी है। इसके बावजूद इस झील को देखने के लिए लोग जाते हैं और अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।

झील से आती हैं डरावनी आवाजें

लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में इस झील के आसपास से किसी के रोने और चिल्लाने की आवाजें आती हैं। ऐसी कहानियां फैली हुई हैं कि 1857 की क्रान्ति के समय जिन लोगों के शव इस झील में फेंके गए थे, उनकी आत्मा आज भी यहां भटकती है। उन लोगों को आज तक मुक्ति नहीं मिल पाई है, जिसके कारण डरावनी आवाजें सुनाई देती हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये आवाजें जंगली जानवरों और हवा से पेड़ों की सरसराहट के कारण होती हैं।

वीरान पड़ा रहता है आसपास का इलाका

बता दें कि प्रशासन ने इस झील के आसपास इलाके पर जाने से पाबंदी लगा रखी है। साथ ही सावधानी बरतने की सख्त चेतावनियां दी हुई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस झील में अजीब सी ताकत है, जो ना चाहते हुए भी लोग इसकी तरफ खिंचे चले आते हैं। 

Tags:    

Similar News