Ghaziabad News: गाजियाबाद के इन इलाकों में चल रहे 12 हजार अवैध इंडस्ट्रीज, सर्वे में हुआ खुलासा, देखें लिस्ट

Ghaziabad News: गाजियाबाद के रेजिडेंशियल एरिया में हजारों उद्योग अवैध रूप से चल रहे हैं। सरकारी विभागों की ओर से किए गए सर्वे में इनका खुलासा हुआ है।

Updated On 2025-06-05 13:39:00 IST

गाजियाबाद के रिहायशी इलाकों में चल रहे अवैध उद्योग

Ghaziabad News: देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के रेजिडेंशियल एरिया में अवैध रूप से हजारों इंडस्ट्रीज चलाई जा रही हैं। सरकार के विभागों की ओर से ज्वाइंट रूप से किए गए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यानी MSME की कुल 1 लाख से ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट रजिस्टर्ड हैं। इनमें से करीब 45 हजार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं।

बता दें कि शहर में ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट होने से प्रदूषण का भी खतरा बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPSEDA) की ओर से गाजियाबाद में 12 इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए गए हैं। इसके बावजूद अवैध तरीके से उद्योग चल रहे हैं।

विभाग ने तैयार की लिस्ट

सरकारी विभागों की ओर से एक सर्वे किया गया, जिसमें पता चला कि इंडस्ट्रियल एरिया में कई उद्योग अवैध तरीके से चल रहे हैं। ये उद्योग पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करते हैं। हाल ही में उद्योग केंद्र और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से सर्वे करके इन अवैध यूनिट की लिस्ट तैयार की है।

इनमें टेक्सटाइल, फिनिशिंग कॉटन, चमड़े के जूते, पेपर, रबर प्रोडक्ट, इलेक्ट्रिक गुड्स, मशीनरी पार्ट्स जैसी यूनिट्स शामिल हैं। इन यूनिट्स की कुल संख्या 5 हजार से ज्यादा हैं। वहीं, सर्विस देने वाली भी 7 हजार यूनिट्स इंडस्ट्रियल एरिया में चल रहे हैं।

इन इलाकों में चल रहे अवैध उद्योग

सर्वे के मुताबिक, गाजियाबाद जिले के कई रेजिडेंशियल एरिया में ऐसे अवैध उद्योग चल रहे हैं। इनमें पटेल नगर, सेवा नगर, शिब्बनपुरा, जगदीश नगर, रविदास नगर, नंदग्राम, घूकना, पीले क्वार्टर, लाल क्वार्टर, जटवाड़ा और मालीवाड़ा जैसे एरिया शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इन इलाकों में बिना पुख्ता इंतजाम के इंडस्ट्रियल और कमर्शियल एक्टिविटीज हो रही हैं।

क्या है वजह?

बताया जा रहा है कि गाजियाबाद 2031 लागू नहीं हो पाने की वजह से उद्योग करने वाले लोगों को जमीन नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से वे अवैध कॉलोनियों और क्षेत्रों में अपने उद्योग लगा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, अब इन अवैध उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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