Cyber crime: दिल्ली पुलिस ने स्टॉक मार्केट फ्रॉड रैकेट का किया खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने स्टॉक मार्केट फ्रॉड रैकेट का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि फर्जी आईपीओ फंडिंग और स्टॉक मार्केट योजनाओं के नाम पर लोगों से करीब 6 करोड़ ठग लिए।

By :  sapnalata
Updated On 2025-09-19 18:44:00 IST

विदेश में नौकरी के नाम पर स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी से 4.6 लाख ठगे। 

Cyber crime: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने स्टॉक मार्केट फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि इन आरोपियों ने निवेशकों से फर्जी आईपीओ फंडिंग और स्टॉक मार्केट योजनाओं के नाम पर लगभग 6 करोड़ रुपए की ठगी की है। पुलिस ने इन दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों आरोपियों की पहचान कुलवंत सिंह और देवेन्द्र सिंह के तौर पर की है। पुलिस ने बताया कि ये दोनों आरोपी संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट्स के लिए अकाउंट होल्डर के रूप में काम करते थे। बता दें कि पुलिस ने इन आरोपियों को तकनीकी जांच के आधार पर दबोचा है।

ऐसे हुआ खुलासा

इंस्पेक्टर मंजीत कुमार और एसीपी रमेश लांबा की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया। बाद में पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की। आरोपियों ने बताया कि अपने बैंक खातों का उपयोग करके ठगी के पैसों को अलग-अलग खातों में घुमाकर लोगों को धोखा देते थे। जानकारी के मुताबिक इस खाते से अब तक 20 लाख रुपये ट्रांजैक्ट होने की पुष्टि हुई है। ये ट्रस्ट विधिवत पंजीकृत एनजीओ के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था। इस खाते को साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया गया। आरोपी पेशेवर तरीके से अकाउंट प्रोवाइडर के रूप में काम करते थे। जिस वजह से इस खाते से जुड़ी 10 शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज हैं।

इस तरह करते थे लोगों को गुमराह

आरोपी सोशल मीडिया और वाट्सऐप के जरिए लोगों से संपर्क करते थे। बाद में निवेशकों को ऑनलाइन ग्रुप्स में जोड़कर फर्जी रूप से दिखाया जाता था। जब भी लोग अपने पैसे निकालने के लिए कोशिश करते तभी आरोपी उन्हें डरा-धमकाकर भुगतान को रोक देते थे और उसके असली स्त्रोत को छिपा लेते थे। इन दोनों आरोपियों ने अपने ट्रस्ट के बैंक खाते इस काम के लिए दिए, जिनके बदले उन्हें हर महीने 30,000 रुपये और हर ट्रांजैक्शन पर 5% कमीशन मिलता था। जांच में पता चला कि इन आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं से 6 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने 30 बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें एक ट्रस्ट का खाता मुख्य था। फिलहाल, पुलिस इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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