Delhi Police: देशव्यापी साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़, दुबई से जुड़े तार; 5 आरोपी अरेस्ट
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें आरबीएल बैंक अधिकारी भी शामिल है। अभी तक की पूछताछ में 12 राज्यों में ठगी के 52 मामले सुलझ गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने देशव्यापी साइबर फ्रॉड नेटवर्क का किया भंडाफोड़।
दिल्ली की अपराध शाखा ने देशव्यापी साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को अरेस्ट किया है। आरोपियों में आरबीएल बैंक का एक अधिकारी भी शामिल है। पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह दुबई में बैठे भारतीय किंगपिन के इशारे पर संचालित हो रहा था। खास बात है कि अभी तक की पूछताछ में 12 राज्यों में दर्ज 52 एनसीआरपी से जुड़े साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा हुआ है। इसके अलावा आरोपियों के पास से मोबाइल, सिम कार्ड, फर्जी चेक बुक समेत भारी मात्रा में कई वस्तुएं बरामद हुई हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह देश के तमाम राज्यों के नागरिकों को निशाना बना रहे थे। मनोवैज्ञानिक हेरफेर, फर्जी पहचान पत्र और तकनीक के माध्यम से लोगों को ठगा जा रहा था। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला था कि नोएडा और गुरुग्राम से संचालित संगठित गिरोह लोगों को ठगने की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। सीडीआर की तकनीकी निगरानी और डिजिटल फुटप्रिंट की सहायता से पता चला कि आरोपी गुरुग्राम के सेक्टर 89 स्थित आवासीय परिसर में मौजूद है। इस पर साइबर सेल की विशेष टीम ने छापामारी कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
दुबई से भारतीय किंगपिन कर रहा गिरोह ऑपरेट
दिल्ली पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि दुबई के टॉम नामक व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहे हैं। आरोपियों की पहचान दिल्ली के बिजवासन निवासी 35 वर्षीय अनूप, पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर निवासी 33 वर्षीय मनीष मेहरा और हरियाणा के हिसार निवासी 28 वर्षीय मंजीत सिंह, सोनीपत निवासी 23 वर्षीय मांशवी और भिवानी निवासी 43 वर्षीय सोमबीर के रूप में हुई है।
मंजीत, मांशवी औश्र सोमबीर को छापे के दौरान पकड़ा गया था, जबकि उनसे पूछताछ के बाद मनीष मेहरा और अनूप को अरेस्ट किया है। पुलिस ने बताया कि अनूप आरबीएल बैंक का अधिकारी है, जो कि धोखाधड़ी वाले बैंक खाते खोलने और उनके संचालन में मदद करता था। प्रत्येक आरोपी को प्रत्येक फर्जी खाते के लिए डेढ़ लाख रुपये मिलते थे।
आरोपियों से बरामद हुआ यह सामान
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 18 मोबाइल फोन, 3 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 36 सिम कार्ड, कई बैंकों की कई चेकबुक, एक लैपटॉप समेत कई वस्तुएं बरामद की गई हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने तीन फर्जी फर्मे बना रखी थी और ठगी धनराशि को इधर उधर भेजने के लिए बोल्डब्रिज और एक्सेलेंसिया जैसे नामों से आठ चालू खाते खोले। धनशोधन के बाद प्राप्त धन को कई खातों में जमा किया गया और स्रोत को छिपाने और विदेश में धन भेजने को आसान करने के लिए USTD क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में परिवर्तित करते थे।
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का खुलासा होने से दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत 12 राज्यों से फ्रॉड के 52 मामलों का खुलासा हुआ है। यह ऑपरेशन एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर संदीप सिंह की टीम ने किया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिसके बाद गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों का खुलासा होने की उम्मीद है।
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