MCD Survey: बारिश में कितनी गिरेंगी इमारतें, सवालों के घेरे में एमसीडी?
Delhi Building Collapsed: दिल्ली में 12 जुलाई को एक चार मंजिला इमारत गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 8 लोग घायल हो गए। इसके बाद से MCD पर सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली में कितनी खतरनाक इमारतें।
Delhi MCD Survey: दिल्ली में मानसून की दस्तक के बाद आए दिन बारिश हो रही है। हर साल मानसून से पहले दिल्ली नगर निगम (MCD) खतरनाक और जर्जर इमारतों का सर्वे करता है, जिससे बारिश के दौरान किसी बड़े हादसे को टाला जा सके। मानसून के समय कमजोर और जर्जर इमारतों के गिरने का खतरा ज्यादा रहता है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते है। इसी के मद्देनजर दिल्ली में इस बार भी मानसून से पहले MCD की ओर से शहर में खतरनाक इमारतों का सर्वे किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो 1 जुलाई, 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 23 लाख इमारतों का सर्वे किया गया। इसमें से सिर्फ 4 इमारतों को खतरनाक की कैटेगरी में पाया गया। इसके अलावा करीब 300 इमारतों को मरम्मत के लिए नोटिस जारी किए गए।
सिर्फ 4 इमारतें खतरनाक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 23 लाख घरों के सर्वे के बाद सिर्फ 4 इमारतों को खतरनाक बताया गया। जबकि इस साल इमारत ढहने के कई मामले सामने आ चुके हैं। 12 जुलाई को सीलमपुर इलाके में एक 4 मंजिला इमारत गिर गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 8 लोग मलबे में दबने की वजह से घायल हो गई। इस हादसे के बाद से ही MCD की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि लाखों इमारतों के सर्वे में खतरनाक बिल्डिंग की संख्या कम कैसे हो सकती है। हालांकि MCD ने इस हादसे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।
निगम का कहना है कि यह एरिया DUSIB के अंतर्गत आता है। यहां पर सिर्फ साफ-सफाई की जिम्मेदारी निगम की है। MCD अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में खतरनाक इमारतों का सर्वे जारी है और साथ ही अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं, पिछले साल निगम ने 30 लाख घरों का सर्वे किया था। उस दौरान भी सिर्फ 4 बिल्डिंग्स खतरनाक बताए गए थे।
दिल्ली में इस साल के बड़े हादसे
दिल्ली में इस साल अभी तक कई इमारतें ढही हैं, जिसकी वजह से कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। 28 जनवरी, 2025 को दिल्ली के बुराड़ी में एक चार मंजिला इमारत ढह गई थी, जिसमें 4-5 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद 19 अप्रैल को मुस्तफाबाद में चार मंजिला इमारत गिरने से 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इसके अलावा बहुत से लोग घायल भी गए थे।
फिर 17 मई को पहाड़गंज में एक निर्माणाधीन इमारत ढहने से 2 लोगों की मौत हो गई। 11 जुलाई को आजाद मार्केट में 3 मंजिला इमारत गिरने से एक व्यक्ति की मलबे में दबने से मौत हो गई। इसके बाद 12 जुलाई को सीलमपुर में चार मंजिला इमारत ढहने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 घायल हो गए।