World Environment Day: दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को बांटे जाएंगे 6000 सीड बॉल, इन 'बीज बम' से पर्यापरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा

Delhi World Environment Day: दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी DIAL ने विश्व पर्यावरण दिवस पर खास पहल की शुरुआत की है। इसके तहत यात्रियों को 6 हजार सीड बॉल बांटे जाएंगे। सीड बॉल को 'बीज बम' भी कहा जाता है।

Updated On 2025-06-05 11:08:00 IST

दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को बांटे जाएंगे सीड बॉल

World Environment Day in Delhi: आज 5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों को सीड बॉल बांट जाएंगे। यह पहल IGI एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी DIAL की ओर से की गई है। इसको लेकर DIAL की ओर से बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट पर आने वाले 6 हजार यात्रियों को सीड बॉल दी जाएंगी।

बता दें कि हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाता है। दिल्ली जैसे शहर में, जहां पर लोग वायु प्रदूषण से कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। वहां पर लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।

6 हजार यात्रियों को मिलेंगे सीड बॉल

दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर 5 जून को 6 हजार यात्रियों को सीड बॉल दिए जाएंगे, जिससे वे सभी प्लांटेशन में हिस्सा ले सकें। DIAL के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि ये सीड बॉल नींबू, आंवला, इमली, नीम और पीपल जैसे फल देने वाले फायदेमंद पेड़ों के बीज से बनाए गए हैं। इन प्रजातियों को उनके इकोलॉजिकल महत्व, औषधी के गुणों की क्षमता के आधार पर चुना गया है।

इन सीड बॉल को खुले स्थानों जैसे पार्कों, सड़कों के किनारे या अपने बगीचों में बोने के लिए यात्रियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। DIAL ने बताया कि इन सीड बॉल से सिर्फ हरियाली बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही ग्रामीण समुदायों को काम भी मिलेगा, जो इन्हें तैयार करेंगे।

क्या होते हैं सीड बॉल?

बता दें कि सीड बॉल को बीज बम भी कहा जाता है। इसमें मिट्टी और खाद को मिक्स करके बीज डाले जाते हैं। सीड बॉल एक ऐसी तकनीक है, जिससे कम रखरखाव और किफायती पेड़ लगाए जा सकते हैं। जब इन सीड बॉल को मिट्टी में फैलाया जाता है, तो वे आसानी से अपनी जड़ें जमाकर बढ़ते हैं। इन्हें गेंद के जैसा शेप दिया जाता है, जिसकी वजह से इन्हें सीड बॉल कहा जाता है। 

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