Delhi High Court: बिना सबूत बेवफाई का आरोप लगाना क्रूरता, पति के दर्द पर ये बोला दिल्ली हाई कोर्ट
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के बीच तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि जीवनसाथी पर अंधाधुंध, अपमानजनक और बिना किसी सबूत के अवैध संबंध का आरोप लगाना क्रूरता है।
दिल्ली हाईकोर्ट में तलाक मामले में सुनवाई
Delhi High Court: आज के समय में कपल का एक-दूसरे पर बेवफाई का आरोप लगाना बेहद आम बात हो गई है। हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे क्रूरता बताया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच तलाक के एक केस में सुनवाई करते हुए कहा कि जीवनसाथी पर अंधाधुंध, अपमानजनक और बिना किसी सबूत के अवैध संबंध के आरोप लगाना क्रूरता है।
जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और हर्ष वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने इस तलाक के मामले में कहा कि बेवफाई के बार-बार निराधार आरोप किसी भी व्यक्ति के लिए उत्पीड़न, अपमान और मानसिक पीड़ा से कम नहीं होते। अदालत ने तलाक मंजूर करते हुए कहा कि ऐसे आरोप लगाने और अनावश्यक मुकदमेबाजी से ये साफ है कि आरोप लगाने वाले का रवैया प्रतिशोधात्मक है। इस तरह का व्यवहार बेहद क्रूर है। अदालत ने कहा कि आपसी विश्वास और सम्मान ही विवाह का आधार होता है। जब एक व्यक्ति अपमानित किया जा रहा हो और उस पर कोई और नहीं, बल्कि जीवनसाथी ही बेबुनियादी आरोप लगा रहा हो, तो ऐसी परिस्थिति में उसके साथ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
जानकारी के अनुसार, साल 1997 में इस जोड़े की शादी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही पति-पत्नी में झगड़े होने लगे थे। पत्नी ने पति के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराईं तो पति ने भी एफआईआर दर्ज कराई। साल 2012 से दोनों पति-पत्नी एक दूसरे से अलग रह रहे हैं। 2013 में पति ने तलाक के लिए अर्जी दायर की।
पति की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर की अर्जी में उसने कहा कि उसकी पत्नी घमंडी है और वो लगातार उन्हें अपमानित करती है। घर के कामकाज करने से मना करती है और उसने उसको घर से निकाल दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी पत्नी बिना किसी सबूत के अवैध संबंध के आरोप लगाती है। वहीं पत्नी ने कहा कि पति उससे दहेज मांगता है और दूसरी महिलाओं से संबंध रखता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए फैमिली कोर्ट ने पति को ये कहते हुए तलाक को मंजूरी दी थी कि इस तरह के उत्पीड़न के साथ पत्नी के साथ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसके बाद पत्नी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के लिए कहा कि ये मानसिक क्रूरता है।