ग्रीन मोबिलिटी’ की दिशा में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में दिल्ली: लॉन्च होगी नई ईवी पॉलिसी, 20 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

Delhi New EV Policy: दिल्ली में जल्द नई ईवी नीति लागू होने वाली है। दिल्ली सरकार की इस नई नीति के तहत 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही ईवी चार्जिंग की सुविधा और बेहतर हो जाएगी।

Updated On 2025-05-24 12:35:00 IST

दिल्ली में जल्द लागू होगी नई ईवी नीति।

Delhi New EV Policy: दिल्ली में जल्द नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू होने वाली है। इसके बाद दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की दौड़ और तेज हो जाएगी। दिल्ली सरकार अपनी नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लेकर आ रही है। जानकारी के अनुसार ईवी नीति का मुख्य फोकस राजधानी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, रोजगार बढ़ाना और हरित परिवहन को बढ़ावा देने पर रहेगा। लोगों को चार्जिंग के लिए कोई परेशानी ना हो, इसके लिए हर 5 किलोमीटर पर एक फास्ट और सस्ता ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। दिल्ली सरकार एक ईवी कॉरिडोर बनाने पर भी विचार कर रही है, जिसे आउटर रिंग रोड पर बनाया जा सकता है।

वर्तमान समय की ईवी पॉलिसी

लागू होने वाली नई EV Policy वर्तमान पॉलिसी को रिप्लेस करेगी, जिसे हाल ही में जुलाई तक बढ़ाया गया है। वर्तमान समय में लागू ईवी नीति 2020 में शुरू हुई थी। इसने दिल्ली में स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई। यह नीति दोपहिया वाहनों के लिए बैटरी क्षमता पर 5000 रुपये किलो वाट प्रति घंटा, ई-रिक्शा 30000 रुपये, ई-साइकिल के लिए 25 फीसदी या फिर 5500 रुपए की सब्सिडी देती है।

ईवी कॉर्रिडोर बनाने पर विचार कर रही दिल्ली सरकार

इस बारे में जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार एक ईवी कॉरिडोर बनाने की योजना पर विचार कर रही है। यह कॉरिडोर आउटर रिंग रोड के साथ बनाया जा सकता है, क्योंकि यह दिल्ली के सबसे व्यस्ततम रास्तों को आपस में जोड़ेगा और कई प्रमुख इलाकों को भी जोड़ेगा। वहीं हर 5 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन भी बनाया जाएगा। चार्जिंग स्टेशनों को फ्लाईओवर के नीचे और खाली जमीनों पर इस तरह बनाया जाएगा कि ट्रैफिक में कोई बाधा ना आए। इन स्टेशनों के एंट्री पॉइंट और एग्जिट पॉइंट्स को भी ट्रैफिक व्यस्तता को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा।

2027 तक दिल्ली में होंगी 95 फीसदी ईवी

सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2027 तक सभी नए वाहन पंजीकरण में 95 फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की हो, जिससे दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण में कमी आ सके। जानकारी के अनुसार इस कॉरिडोर को एक ऐसे रूट के रूप में ब्रांड किया जाएगा, जहां ईवी चार्जिंग स्टेशन ढूंढना आसान हो सके। इससे नए ईवी खरीदारों में दिखने वाली रेंज एंजायटी यानी चार्ज खत्म होने की चिंता कम हो जाएगी। इस क्षेत्र के आसपास कई आवासीय कालोनियां और गांव हैं। ऐसे में चार्जिंग स्टेशन बनने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।

20 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

नई ईवी नीति रोजगार बढ़ाने में भी प्राथमिकता देगी। कहा जा रहा है कि इस नई नीति से कम से कम 20000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस अभियान का मुख्य हिस्सा चार्जिंग नेटवर्क और बैटरी स्वैपिंग इकोसिस्टम का विस्तार होगा।

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