Churi Wali Gali: दिल्ली के चांदनी चौक की 100 साल पुरानी मशहूर चूड़ी वाली गली, जानें इतिहास
Churi Wali Gali Delhi: दिल्ली के चांदनी चौक में सबसे पुरानी चूड़ी वाली गली मौजूद है। जहां आज भी 100 साल पुरानी दुकानें हैं , जहां हर तरह की डिजाइनर और पारंपरिक चूड़ियां मिलती हैं।
दिल्ली की मशहूर चूड़ी वाली
Chandni chowk Churi Wali Gali: यदि आप दिल्ली के रहने वाले हैं तो आपने चांदनी चौक में एक फेमस गली देखी होगी, जिसे चूड़ी वाली गली के नाम से जाना जाता है। यहां पर चूड़ियों की खनक लोगों को पुराने दौर की याद दिलाती है। यह गली भारतीय संस्कृति, परंपरा और कारीगरी का अनोखा संगम है। यहां पर 100 साल पुरानी दुकानें हैं, जिन पर रंग-बिरंगी और मननोहक चूड़ियां मिलती हैं। ये सुंदर चूड़ियां महिलाओं को अपनी ओर बार-बार आने के लिए आकर्षित करती हैं।
चूड़ी वाली गली का इतिहास
चूड़ी वाली गली का इतिहास मुगलकाल से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दौर में शाही परिवार की औरतें और आम महिलाएं खास तरह की चूड़िया पहना करती थीं। उसी दौर में यहां कारीगरों ने अपनी छोटी-छोटी चूड़िया की दुकानें खोल ली थीं। इस तरह यह इलाका चूड़ियों के बड़े बाजार में मशहूर हो गया। समय के साथ-साथ दिल्ली की रुपरेखा बदली, परन्तु चूड़ी वाली गली वैसी की वैसी ही रही।
मिलती हैं हर तरह की चूड़ियां
चूड़ी वाली गली में हर तरह की चूड़ियां उचित रेट में मिल जाती हैं। यहां पर कांच की, लाख की, सोने-चांदी की फिनिश वाली चूड़ियां, मेंटल की चूड़ियां और डिजाइनर व हैंडमेड चूड़ियां आसानी से खरीदने को मिल जाती हैं। शादी और त्योहारों के सीजन में यहां खूब भीड़ देखने को मिलती है। इस गली में महिलाएं दूर-दूर से चूड़ी खरीदने आती हैं।
लगभग 80 से 100 साल पुरानी हैं दुकानें
चूड़ी वाली गली में बसी इन दुकानों को लगभग 100 साल हो चुके हैं। यहां के दुकानदारों का कहना है कि इन दुकानों को पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार के लोग ही संभालते आ रहे हैं। इतना ही नहीं कई परिवार ऐसे हैं, जिनकी महिलाएं कई पीढियों से इस गली से चूड़ियां खरीदती आ रही हैं। पुराने रिश्ते और ग्राहकों का भरोसा ही इस गली की ताकत है।
300 मीटर लंबी है चूड़ी वाली गली
300 मीटर लंबी इस चूड़ी वाली गली में केवल चूड़ियां ही नहीं बल्कि महिला के सजावट का सामान भी मिलता है। इस गली में हेयर एक्सेसरी और पारंपरिक ज्वेलरी आसानी से मिल जाती है। इस गली की खास पहचान खन-खन करती चूड़ियों की आवाज है, जो ग्राहकों के दिल को सुकून और शांति का अनुभव कराती है। यह चूड़ी वाली गली केवल बाजार ही नहीं बल्कि पुरानी दिल्ली की शान और जीवंत धरोहर का उदाहरण है।