ANI Defamation Case: मोहक मंगल 'हफ्ता वसूली', 'गुंडा राज' जैसे शब्द वीडियो से हटाएंगे, कामरा-जुबैर भी ट्वीट हटाने को तैयार
दिल्ली हाईकोर्ट ने मौखिक आदेश दिया कि यूट्यूबर मोहक मंगल को एएनआई के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द हटाने चाहिए। इस टिप्पणी के बाद मोहक मंगल इसके लिए तैयार हो गए, लेकिन...
मोहक मंगल और कुनाल कामरा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज यूट्यूबर मोहक मंगल के खिलाफ समाचार एजेंसी एएनआई की मानहानि के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने मोहक मंगल को मौखिक रूप से निर्देश दिया कि वीडियो में इस्तेमाल कुछ शब्द एएनआई के लिए 'अपमानजनक' थे। जस्टिस अमित बंसल ने उनके वकील सीनियर एडवोकेट चंदर लाल से इन हिस्सों को हटाने के निर्देश लेने को कहा। इसके अलावा मोहम्मद जुबैर को भी ऐसे शब्दों को हटाने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस अमित बंसल ने वीडियो देखने के बाद मोहक मंगल के वीडियो में कुछ शब्दों को आपत्तिजनक पाया। उन्होंने मौखिक रूप से मोहन मंगल के एडवोकेट चंदर लाल से कहा कि हफ्ता वसूली, गुंडा राज जैसे शब्द हटा लेने चाहिए। मैं उचित सुझाव दे रहा हूं। जो कोई भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है, कृपया निर्देश लें। यूट्यूब और अन्य के खिलाफ यहां कई सारे मामले दर्ज हैं।
इस पर एडवोकेट चंदरलाल ने कहा कि मैं जो भी हिस्सा हटाउंगा, उसका रेडलाइन वर्जन दूंगा। लेकिन, 10 मिनट तक मेरी बात सुनिये, मैं दिखाऊंगा कि वे क्या कर रहे हैं। लंच के बाद फिर से मामले की सुनवाई हुई।
मोहक मंगल आपत्तिजनक हिस्से को हटाने के लिए तैयार
दिल्ली हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणी के बाद यूट्यूबर मोहक मंगल ने एएनआई को लेकर उनके वीडियो से आपत्तिजनक शब्द हटाने पर सहमति दे दी। इसके अलावा, मोहम्मद जुबैर को भी कोर्ट ने सलाह दी थी कि आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणी हटाने चाहिए। इस पर दोनों ने अपने ट्वीट और टिप्पणियों को हटाने पर सहमति दे दी।
सीनियर एडवोकेट अमित सिब्बल ने एएनआई का पक्ष रखा
एएनआई की ओर से सीनियर एडवोकेट अमित सिब्बल ने पक्ष रखा। उन्होंने मोहन मंगल की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरे दोस्त के 4 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। वे कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। वे वादी की मानहानि पर भी पैसा कम रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कामरा और जुबैर की पोस्ट में एएनआई के खिलाफ संगठित प्रयास का संकेत मिलता है।
इस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से पूछा कि आपने मानहानि का केस किया है। क्या एएनआई ने कॉपीराइट उल्लंघन के लिए आवेदन किया है। इस पर सिब्बल ने कहा कि मौजूदा केस मानहानि के लिए है, लेकिन कॉपीराइट उल्लंघन के लिए अलग से केस दायर किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तिथि तय की है।
ANI vs Mohak Mangal मानहानि केस
समाचार एजेंसी एएनआई ने यूट्यूबर मोहक मंगल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का केस दाखिल किया था। दरअसल, मोहन मंगल ने 25 मई को वीडियो जारी कर एएनआई पर जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया था। यह आरोप तब लगा, जब एएनआई ने उनके वीडियो में उपयोग क्लिप्स को लेकर यूट्यूब पर कॉपीराइट स्ट्राइक की कार्रवाई शुरू की थी। मंगल का आरोप था कि एएनआई के एक प्रतिनिधि ने उनसे इस कॉपीराइट स्ट्राइक को हटाने के लिए 40 लाख रुपये से अधिक की राशि मांगी थी।
वहीं, बार एंड बेंच के मुताबिक, एएनआई ने दावा किया कि मोहक मंगल ने स्वयं स्वीकारा है कि उन्होंने एएनआई की ओरिजनल कॉपीराइट वीडियो का इस्तेमाल करके उससे कमाई की। उन्होंने ऐसा भी वीडियो अपलोड किया, जिसमें मानहानि और नुकसान पहुंचाने वाले कई शब्द थे। एएनआई का कहना है कि मोहक मंगल का वीडियो उनकी एजेंसी की साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।