लकी यात्रियों की 7 कहानियां: विमान हादसों में जब लोग मौत के मुंह से लौटे जिंदा, रमेश से पहले भी हुए 'चमत्कार', जानिए कैसे
Miracles in Flight Accidents: गुजरात के अहमदाबाद में हुए प्लेन हादसे में केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार जीवित बचे। हालांकि इससे पहले भी कई ऐसे हादसे हुए हैं, जिनमें मात्र 1 या दो लोग मौत को मात देकर जिंदगी की जंग जीत पाए।
Survivals in Plane Crash: गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा विमान हादसा हुआ। इस विमान हादसे के समय प्लेन में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर मौजूद थे। विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई। मात्र 1 यात्री रमेश विश्वास कुमार मौत को मात देकर वापस आ सके हैं। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बता दें कि ये कोई पहला ऐसा विमान हादसा नहीं हैं, जहां से एक यात्री बचकर वापस आया हो। इससे पहले भी कई ऐसे विमान हादसे हो चुके हैं, जहां से किसी के बचकर वापस आने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन फिर भी किसी चमत्कार की तरह मात्र 1 या दो लोग जिंदा वापस आए। कोई इसे भगवान का आशीर्वाद और कोई चमत्कार बताता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे भाग्यशाली लोगों की कहानी, जो प्लेन क्रैश में बच गए...
29 दिसंबर 2024 को विमान हादसे में बची थीं दो जिंदगी
29 दिसंबर 2024, रविवार को दक्षिण कोरिया के मुआन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जेजू एयर विमान के साथ हादसा हुआ था। इस हादसे के समय फ्लाइट में 179 लोग मौजूद थे। जबकि दो लोग जिंदा बच पाए थे। इनमें से एक थीं 32 वर्षीय ली से मोकपो।
9 साल के मासूम की बची जिंदगी
अफ्रिकिया एयरवेज एयरबस A330 जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका से त्रिपोली, लीबिया के लिए उड़ा था। लीबिया के त्रिपोली हवाई अड्डे के रनवे से कुछ ही दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दौरान प्लेन में 104 लोग मौजूद थे। इस हादसे में 103 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं एक नौ वर्षीय डच बच्चा रूबेन वान असौव जीवित बच गया था। मरने वाले 103 लोगों में रूबेन के पिता भी शामिल थे।
विमान हादसे में बची 12 साल की बहिया
30 जून 2009 को कोमोरोस द्वीप समूह जा रहे यमनिया एयरवेज के विमान के साथ हादसा हो गया था। यमनिया फ्लाइट -626 आसमान से नीचे गिरकर हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दौरान फ्लाइट में 150 लोग मौजूद थे। इनमें से केवल एक 12 वर्षीय लड़की बहिया बकरी की जान बच पाई थी।
31 लोगों में अकेली बची थीं एनेट हर्फकेन्स
1992 में वियतनाम में एक विमान दुर्घटना हुई थी। इस दौरान विमान में 31 लोग मौजूद थे। इनमें से केवल एक महिला यात्री एनेट हर्फकेन्स जीवित बची थीं। एनेट अपने मंगेतर के साथ छुट्टियां मनाने गई थीं। इस हादसे में उनके मंगेतर की भी जान चली गई थी। उन्होंने जंगल में अकेले 8 दिन बिताए थे।
1988 के विमान हादसे में बचे अशोक अग्रवाल और विनोद त्रिपाठी
अहमदाबाद में ही लगभग 37 साल पहले 19 अक्टूबर 1988 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 113 अहमदाबाद हवाई अड्डे के अंतिम रास्ते पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसकी वजह ये थी कि खराब दृश्यता के कारण विमान सफलतापूर्वक उतरने में नाकाम रहा और बोइंग 737-200 नोबल नगर के पास एक धान के खेत से टकरा गया था। इस विमान में 135 लोग सवार थे। इनमें से 133 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं दो लोगों की जान बच गई थी। इसमें बचने वाले लोगों का नाम अशोक अग्रवाल और विनोद त्रिपाठी था।
1972 में बची थी फ्लाइट अटेंडेंट सेस्ना वोल्विक
26 जनवरी एक विमान 1972 को स्वीडन के स्टॉकहोम से सर्बिया के बेलग्रेड जा रहा था। ये विमान 33 हजार फुट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के दौरान विमान में 28 लोग मौजूद थे। इनमें से 27 लोगों की मौत हो गई थी। मात्र फ्लाइट अटेंडेंट सेस्ना वोल्विक ही इस हादसे में जीवित बची थीं। इस दुर्घटना के साथ ही सबसे ज्यादा ऊंचाई से गिरकर जिंदा बचने का एक रिकॉर्ड बना, जो आज तक कायम है।
1971 में जूलियन कोएपके की बची थी जान
साल 1971 में क्रिसमस-डे से ठीक एक दिन पहले पेरू के ऊपर लैंसा फ्लाइट पर आसमानी बिजली गिरने से विस्फोट हो गया। इस दौरान विमान में 92 लोग सवार थे। इनमें से एक थीं जूलियन कोएपके, जो एकमात्र जीवित बची यात्री थीं। उस समय उनकी उम्र 27 वर्ष थी। वे सीट पर बंधे हुए दो मील दूर अमेजन के वर्षावन में जा गिरी थीं। 10 दिनों तक वे जंगल में भूख से लड़ती रहीं। 11वें दिन वे नदी पार करने की कोशिश कर रही थीं। इस दौरान एक नाविक ने उन्हें बचा लिया था। इस हादसे में उन्होंने अपनी मां को भी खो दिया था।