Expressway: दिल्ली को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे दूसरी बार डेडलाइन से चूका, कार्य में देरी के 3 बड़े कारण
पहली बार 2024 के अंत तक इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने का दावा किया गया था। फिर मई 2025 की डेडलाइन तय की, लेकिन आज 31 मई है और अभी भी कई कार्य अधूरे पड़े हैं।
दिल्ली को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे डेडलाइन से चूका।
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक हिस्सा अहमदाबाद-धोलेरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करेगा, लेकिन कुछ अड़चनों के चलते निर्माण कार्य को तय समय पर पूरा नहीं हो पाया है। यह दूसरा मौका है, जब इस एक्सप्रेसवे ने लास्ट डेट को मिस कर दिया है। पहली बार 2024 के अंत तक इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने का दावा किया गया था। इसके बाद मई 2025 का लक्ष्य तय किया गया। आज 31 मई है, लेकिन अभी भी कई बड़े कार्य हैं, जो कि पूरे नहीं हो सके हैं। आगे जानिये कौन-कौन सी अड़चनें इस अहम प्रोजेक्ट में बाधा बनी हैं।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे
अहमदाबाद से धोलेरा के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 109 किलोमीटर है। यह अहमदाबाद के सरखेज के पास सरदार पटेल रिंग रोड से शुरू होकर धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र के माध्यम से भावनगर जिले के अधेलाई गांव से जोड़ रहा है। धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र से 20 किलोमीटर दूर धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी प्रस्तावित है।
यही नहीं, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से भी कनेक्टिविटी देगा, जो कि देश की आर्थिक रफ्तार में अहम योगदान होगा। लेकिन, अब इस एक्सप्रेसवे ने दूसरी बार डेडलाइन को मिस कर दिया है।
गुजरात के दो मंत्रियों का दावा पूरा नहीं हो सका
2024 में पहली डेडलाइन मिस हुई थी, तो राज्य के दो मंत्रियों ने विधानसभा में कहा था कि मई 2025 तक अहमदाबाद-धोलेरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन, अभी तक यहां कई बड़े काम अधूरे पड़े हैं। एसपी रिंग रोड पर डायमंड इंटरचेंज का कार्य पूरा हो चुका है और पौधारोपण अभियान चल रहा है। यहां स्ट्रील ब्रिज का भी काम अंतिम चरण में है। आगे जानिये इस एक्सप्रेसवे से जुड़ी तीन बड़ी बाधाएं...
- इस एक्सप्रेसवे पर धोलेरा की तरफ के हिस्से को देखें तो यहां रैंप का निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है। स्टील ब्रिज के काम में भी समय लगेगा। 700 मीटर तक फैला यह सेक्शन इस एक्सप्रेसवे की बड़ी बाधा बना है।
- अहमदाबाद से 25 किमी दूर स्थित जुवल रूपावती गांव में एक्सप्रेसवे का काम अधूरा पड़ा है। यहां 66केवी सबस्टेशन है, जो कि एक्सप्रेसवे के बीच स्थित है। इसे स्थानांतरित किए बिना एक्सप्रेसवे का काम कार्य शुरू नहीं हो पाएगा।
- तीसरी बड़ी अड़चन इस एक्सप्रेसवे पर आ रहे पुल को लेकर है। यह स्टेट हाईवे 74 और एक्सप्रेसवे के चौराहे का पुल है। यहां पुल की संरचना तैयार है, लेकिन रैंप का कार्य अभी तक अधूरा पड़ा है।
मानसून के बाद ही मिलेगी रफ्तार
अब मानसून आने वाला है, लिहाजा अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में देरी होना लाजमी है। अब नवरात्रि या दिवाली के आसपास ही इसका उद्घाटन होने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन, उपरोक्त तीन बड़ी बाधाओं का हल नहीं निकला, तो शायद इसके लिए अगले साल का भी इंतजार करना पड़ सकता है।
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बता दें कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर दोनों महानगरों के बीच उच्च गति औद्योगिक और माल ढुलाई नेटवर्क पर केंद्रित है। 1500 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात से होकर गुजरता है। यह परियोजना औद्योगिक विकास के साथ ही नए औद्योगिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है।