Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मसूरी से कनेक्ट करने की तैयारी, 61 अरब रुपये होंगे खर्च

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मसूरी से कनेक्ट किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम अंतिम चरण में चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई तक इस एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 250 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली से देहरादून का सफर 6 घंटे से घटकर 2.30 घंटे रह जाएगा। खास बात है कि इस एक्सप्रेसवे को मसूरी से भी कनेक्ट करने की योजना बनाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस कार्य पर अनुमानित लागत करीब 61 अरब रुपये है।
मीडिया रिपोर्ट्स में एनएचएआई के अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मसूरी से कनेक्ट करने के लिए 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क बनाने की योजना बनाई गई है। इस सड़क की मदद से लोग देहरादून जाए बिना सीधे मसूरी जा सकेंगे। इसका फायदा होगा कि देहरादून में ट्रैफिक भार कम होगा, वहीं मसूरी जाने वाले वाहनों को सुगम रास्ता मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई गई है। 26 इलाकों में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नदियों पर बने घरों को भी ध्वस्त करना होगा। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को मुआवजा या तो राशि के रूप में या तो जमीन के बदले के रूप में दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली-देहरादून आने वाले यात्रियों को मसूरी तक पहुंचने में आसानी होगी। दिल्ली से मसूरी तक पहुंचने में करीब 7 से 8 घंटे का समय लग जाता है। इस सड़क के बनने से यात्री चार घंटे में दिल्ली से मसूरी तक पहुंच सकेंगे।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का एंट्री प्वाइंट
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत, शामली और सहारनपुर होते हुए देहरादून तक बनाया जा रहा है। इसे करीब 12000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस एक्सप्रेसवे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने के बावजूद वन्यजीवों को किसी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े। इसके लिए इस कॉरिडोर को साउंडप्रूफ बनाया गया है। यहां क्लिक कर पढ़िये इस एक्सप्रेसवे की अन्य खासियतें..