बसव राजू को तुर्की से श्रद्धांजलि: आईजी बोले- महिमामंडन का प्रयास सफल नहीं होगा, सामने आया नक्सलियों का असली चेहरा
तुर्की के वामपंथी संगठन के चीफ द्वारा बसव राजू को श्रद्धांजलि देने संबंधी हरिभूमि डॉट कॉम की खबर पर आई जी बस्तर ने कहा है कि, यह अभी जांच का विषय है।
बस्तर आईजी पी. सुदरराज
गणेश मिश्रा- बीजापुर। शुक्रवार को एक घटना सामने आई है जो देश के सुरक्षा तंत्र और सियासी जगत के लिए हैरान कर देने वाला है। भारत में नक्सल संगठन के चीफ बसव राजू की मौत पर तुर्की के वामपंथी संगठन ने भारत सरकार की निंदा करते हुए वीडियो जारी किया। वीडियो में टर्किश वामपंथी उग्रवादी अपना चेहरा ढककर एक बयान पढ़ता दिखाई दे रहा है। इससे साफ होता है कि, भारत में सक्रिय वामपंथी माओवादियों यानि नक्सलियों का संपर्क इंटरनेशनल स्तर पर है। हालांकि इस पर बस्तर आईजी पी. सुदरराज ने कहा है कि, तुर्की के वामपंथी उग्रवादी संगठनों द्वारा मृत सीपीआई (माओवादी) महासचिव बसव राजू से संबंधित जारी वीडियो की प्रामाणिकता और मौलिकता जांच का विषय है।
हरिभूमि डॉट कॉम की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बस्तर आईजी पी. सुदरराज ने कहा कि, सच्चाई यह है कि, न केवल बस्तर के लाखों-लाख निवासी, बल्कि पूरे देश के नागरिक सीपीआई (माओवादी) के सरगना बसव राजू की मौत के बाद स्वयं को आज़ाद और प्रसन्न महसूस कर रहे हैं। क्योंकि बसव राजू कोई और नहीं बल्कि एक क्रूर, अप्रासंगिक और विफल विचारधारा का प्रवर्तक था, जो हजारों निर्दोष आदिवासी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत के लिए ज़िम्मेदार रहा है।
रक्तरंजित क्रूर इतिहास के महिमामंडन का प्रयास सफल नहीं होगा : आईजी
प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई (माओवादी) संगठन के कैडरों और समर्थकों द्वारा बसव राजू के रक्तरंजित क्रूर इतिहास को छिपाकर उनका क्रूर अतीत को महिमामंडित करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा। दुनिया अब नक्सलवाद का असली और भयानक चेहरा देख चुकी है, जो कि पूरी तरह से आदिवासी विरोधी, अमानवीय और विकास विरोधी है। हम सरकार के उस संकल्प के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं, जिसका उद्देश्य बस्तर को नक्सलवाद के चंगुल से मुक्त कर, क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है, जैसा कि बस्तर की मूल आबादी की इच्छा है।
21 मई को अबूझमाड़ में मारा गया बसव राजू
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में ब़ुधवार 21 मई की सुबह पुलिस जवानों ने नक्सल संगठन की कमर तोड़ दी थी। एंटी नक्सल ऑपरेशन में इतिहास रचते हुए, जिस नक्सली नेता की देश भर की सुरक्षा एजेंसियों को तलाश थी उसे DRG के जवानों ने मार गिराया था। नक्सलियों का चीफ एक करोड़ का ईनामी नम्बाला केशव राव उर्फ बशव राजू उर्फ गगन्ना को मार गिराया गया था।