निगरानी में जुटी ईको समिति: तीरथगढ़ जलप्रपात में हादसों को रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेड, नाबालिग की मौत के बाद वन विभाग हुआ सतर्क
तीरथगढ़ जलप्रपात में नाबालिग की मौत के बाद वन विभाग ने बैरिकेड लगाए, अब निगरानी के बाद ही पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
तीरथगढ़ जलप्रपात में नाबालिग की मौत के बाद वन विभाग ने बैरिकेड लगाए
महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर का विश्वप्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात जहां इन दिनों हजारों सैलानी प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने पहुंच रहे हैं, वहीं हाल ही में एक नाबालिग की डूबने से मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। वन विभाग के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा जलप्रपात के खतरनाक हिस्सों में बैरिकेड लगाए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
मिली जानकारी के अनुसार, ईको विकास समिति के लगभग 10 निगरानी युवक हर सुबह जलप्रपात की स्थिति का अवलोकन करते हैं, और पानी का बहाव सामान्य पाए जाने पर ही पर्यटकों को आगे जाने की अनुमति दी जाती है। गुरुवार को वन विभाग के निदेशक नवीन कुमार ने खुद मौके पर पहुंचकर बैरिकेड और सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया।
सैलानियों के लिए अब अधिक सतर्कता
तीरथगढ़ जलप्रपात पर प्रतिदिन लगभग 2,500 पर्यटक पहुंचते हैं। इसकी खूबसूरती पर्यटकों को सम्मोहित करती है, लेकिन हालिया हादसे ने सुरक्षा के प्रति सचेत किया है। बैरिकेडिंग और निगरानी व्यवस्था के माध्यम से अब दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने की कोशिश की जा रही है।