सुकमा की ऐतिहासिक जीत: केरल पेंडा और बड़ेसट्टी गांव हुआ नक्सल मुक्त, विकास की नई शुरुआत

सुकमा जिले के दो गांव केरल पेंडा और बड़ेसट्टी जो कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाते थे, अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित कर दिए गए हैं।

Updated On 2025-06-02 18:59:00 IST

नक्सल मुक्त केरलापेंडा गांव 

लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। सुकमा जिले के दो गांव केरल पेंडा और बड़ेसट्टी जो कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाते थे, अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित कर दिए गए हैं।यह उपलब्धि राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की सतर्क रणनीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

अब विकास की ओर कदम
सरकार ने इन गांवों में शांति बहाली के साथ-साथ विकास को प्राथमिकता दी है। प्रत्येक गांव को ₹1 करोड़ का विकास अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही, पक्की सड़कों का निर्माण, बिजली की सुविधा, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, और रोजगार के अवसर तेजी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 


केरल पेंडा: अब डर नहीं, विकास की पहचान
कभी नक्सल प्रभाव के कारण अलग-थलग पड़ा केरल पेंडा गांव अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुका है। यहां अब 500 से अधिक लोग सुरक्षित वातावरण में रह रहे हैं। गांव में बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले नक्सली गतिविधियों के कारण भय का माहौल था, लेकिन अब गांव में शांति और भरोसे का वातावरण है। सरकार द्वारा कौशल विकास और स्थानीय संसाधनों पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं। 


बड़ेसट्टी: नक्सल छाया से उजाले की ओर
बड़ेसट्टी गांव, जहां करीब 300 लोग रहते हैं, अब नक्सलवाद से मुक्त होकर नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। यहां भी अब सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। गांववासियों का कहना है कि सरकार की विकास योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। बच्चों के लिए नए स्कूल और वयस्कों के लिए साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। 


आत्मसमर्पण की लहर: 16 नक्सलियों ने डाले हथियार
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, सुकमा जिले में एक महिला समेत 16 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इन पर कुल ₹25 लाख का इनाम था। इनमें कई नक्सली ओडिशा से भी संबंधित हैं और बटालियन व अन्य डिवीजनों से जुड़े थे। एसपी किरण चौहान ने बताया कि सुकमा ऐसा पहला जिला है जहां दो पंचायतें पूरी तरह नक्सलमुक्त हुई हैं। उन्होंने कहा, "केरल पेंडा में आज आत्मसमर्पण करने वाले नौ नक्सलियों को शासन द्वारा एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह प्रदेश में विकास और शांति के नए युग की शुरुआत है।"

प्रेरणा बनेगा सुकमा मॉडल
केरल पेंडा और बड़ेसट्टी की यह सफलता अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है। यह साबित करता है कि जब सरकार की मंशा मजबूत हो और सुरक्षा बल सतर्क हों, तो नक्सलवाद को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

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