शिक्षकों का युक्तियुक्त करण: सबसे ज्यादा शिक्षक रायपुर के स्कूलों में, कहीं 33 छात्राओं पर 7 मास्टर, कहीं 98 को पढ़ाने 10

प्रदेश में सर्वाधिक अतिशेष शिक्षक रायपुर में ही हो गए हैं। इसके अलावा बिलासपुर और दुर्ग जैसे जिलों में भी आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं।

Updated On 2025-05-30 12:27:00 IST

राजस्थान में 56 सरकारी स्कूलों का अपग्रेड किया जाएगा।

रायपुर। राजधानी में बसने की चाहत ऐसी है कि थोक में शिक्षकों द्वारा साम-दंड-भेद की नीति अपनाकर यहां तबादला करवा लिया जाता है। हालात ये हैं कि प्रदेश में सर्वाधिक अतिशेष शिक्षक रायपुर में ही हो गए हैं। इसके अलावा बिलासपुर और दुर्ग जैसे जिलों में भी आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं। यहां के दर्जनभर से अधिक विद्यालयों में प्रति 8 से 10 छात्रों पर एक-एक शिक्षक तैनात हैं। जबकि रिपोर्ट के मुताबिक 211 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। इनमें से अधिकतर आदिवासी क्षेत्रों और ग्रामीण अंचल में स्थित है। रायपुर जिले के विभिन्न विकासखंड की समीक्षा कई स्तरों पर की जा रही हैं। धरसीवां विकासखंड में की गई हालिया समीक्षा में कई ऐसे विद्यालयों की सूची सामने आई है, जहां शिक्षक आवश्यकता से कहीं अधिक संख्या में पदस्थ हैं।

ये हैं सर्वाधिक शिक्षक वाले स्कूल
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या सरस्वती नयापारा में केवल 33 छात्राएं हैं, जबकि 7 शिक्षक तैनात हैं। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या रविग्राम में 82 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं और 8 शिक्षक कार्यरत हैं। शासकीय प्राथमिक शाला मानाकैम्प में 104 विद्यार्थी हैं और वहां 11 शिक्षक पदस्थ हैं। शासकीय प्राथमिक शाला तेलीबांधा रायपुर में 109 विद्यार्थी हैं, जबकि 9 शिक्षक हैं। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बैरनबाजार में 98 विद्यार्थी हैं और 10 शिक्षक कार्यरत हैं।

बाद में आए शिक्षक माने जाएंगे सरप्लस
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का गहन अध्ययन कर यह निर्धारित किया जा रहा है कि कहां कितने शिक्षक की वास्तव में जरूरत है और कहां उनकी अधिकता है। अधिशेष शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा, ताकि सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। जिन शिक्षकों का तबादला बाद में हुआ है, नियमतः उन्हें सरप्लस माना जाएगा। अर्थात अतिरिक्त शिक्षकों वाले स्कूलों में से उन शिक्षकों को निकाला जाएगा। जिनकी नियुक्ति उक्त संस्थान में बाद में हुई है। उन्हें कम शिक्षक वाले दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा।

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