बलौदाबाजार हिंसा के 6 माह पूरे : उपद्रवियों ने कलेक्टर- एसपी कार्यालय में की थी आगजनी, पढ़िए हिंसा के पीछे की पूरी कहानी...

बलौदाबाजार हिंसा और आगजनी की घटना को आज पूरे 6 महीने हो गए हैं। ऐसे में आइए जानते है, हिंसा के पीछे की पूरी कहानी। 

Updated On 2024-12-10 11:42:00 IST
उपद्रवियों ने एसपी कार्यालय में की थी आगजनी

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई आगजनी और हिंसा की घटना को आज 6 महीने पूरे हो गए हैं। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। यह पूरे देश की पहली ऐसी घटना है जिसमें उपद्रवियों के द्वारा कलेक्टर और एस पी कार्यालय को जला दिया गया था। हिंसा में उपद्रवियों ने 12.5 करोड़ की शासकीय एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।

गिरौदपुरी धाम स्थित महकोनी ग्राम के अमरगुफा की घटना के बाद उपजे विवाद के बाद उग्र भीड़ ने 10 जून को बलौदाबाजार शहर और जिला संयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की थी। जिला प्रशासन के मुख्य कार्यालय- एसपी और कलेक्टर के कार्यालय तक को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। इस आगजनी में दो दमकल की गाड़िया सहित 200 से अधिक वाहन को आग के हवाले कर दिया गया था। वहीं 25 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस घटना में 12.53 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया गया है।

10 जून को हुई थी हिंसा 

10 जून को बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में एक सभा आयोजित की गई थी। जिसमें सतनामी सामाज  के लोगों को शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इस सभा पूरे प्रदेश भर से दस हजार लोग शामिल होने पहुंचे थे। दशहरा मैदान में जब सभा शुरू हुई तो यहां उपस्थित भीड़ ज्ञापन सौंपने रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर आक्रोशित होकर हिंसक भीड़ में तब्दील हो गई। उपद्रव करते हुए हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। 

इसे भी पढ़ें....पूर्व डिप्टी सीएम का बड़ा बयान : कहा- मुख्यमंत्री बनने की इच्छा ख़त्म हुई

10 जून की हिंसा में जली हुई बिल्डिंग haribhoomi

विधायक देवेन्द्र यादव लंबे समय से है जेल में

इस मामले में पुलिस ने आगजनी हिंसा, राजद्रोह, हत्या का प्रयास, बलवा सहित डेढ़ दर्जन से अधिक धाराओं में 14 एफआईआर दर्ज कर अब तक 186 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है, जिनमें भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव का नाम भी शामिल है। राज्य सरकार ने समाज की सीबीआई जांच की मांग पर महकोनी के अमरगुफा में धार्मिक प्रतीक चिन्ह जैतखाम को काटे जाने पर न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग का नेतृत्व हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी वाजपयी कर रहे हैं। 

घटना के बाद कलेक्टर- एसपी किए गए थे निलंबित 

यह घटना प्रशासन और सामाजिक संतुलन की विफलता को दर्शाती है। घटना के बाद से ही इंटेलिजेंस फेलियर का आरोप कांग्रेस सहित अन्य दल लगाते आ रहे हैं। वहीं इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को घटना के तुरंत बाद ही राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था। इस मामले में ये सवाल अभी भी लोगों के मन में हैं कि क्या न्यायिक जांच इस मामले की परतें खोल पाएगी और घटना की सही जांच हो पाएगी, क्या इस मामले में जिस तरह से उग्र भीड़ आगजनी की घटना को अंजाम दी, न्याय पाने के लिए उसका यह रास्ता उचित था। 

इसे भी पढ़ें....डिप्टी सीएम विजय शर्मा का दावा : बस्तर और कवर्धा से बंग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ा

मामले की चल रही न्यायिक जांच 

10 जून को बलौदा बाजार में कुछ ऐसा हुआ जो इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो गया। अब 6 माह बाद बलौदा बाजार शहर सहित पूरे जिले में शांति व्यवस्था कायम है। पूरी घटना की जांच अभी जारी है। न्यायिक आयोग इस मामले में अलग से अपनी जांच कर रहा है। शहर वासियों का कहना है कि बलौदा बाजार जिले जैसे शांत जगह में इस प्रकार की घटना होना इतिहास में कलंक की तरह है, जो भी दोषी हो उन पर सख्त कारवाई होनी चाहिए।

Similar News