निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान : जिला पंचायत अध्यक्ष बोलीं- सीईओ सरपंचों के साथ करते हैं दुर्व्यवहार

जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा का कहना है कि, सरकारी कार्यक्रमों में कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दिया जाता है।

Updated On 2024-07-15 15:27:00 IST
कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को अपमान

पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा- जबसे राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है। तब से दंतेवाड़ा जिले में कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है। ऐसा जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा का कहना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि, सरकारी कार्यक्रमों में मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय बीजेपी विधायक के इशारे पर प्रशासन जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया जाता है। 

सीईओ पर सरपंचों से दुर्व्यवहार का आरेाप

पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा ने बताया कि, बीजेपी के इशारे पर प्रशासन चल रहा है। दंतेवाड़ा जिले में पूरा प्रशासन विधायक और बीजेपी नेताओं के कहने पर इस तरह का अपमान कर रहा है। जिला पंचायत सीईओ से दो दिनों पहले उनसे मिलने गए, उस वक्त सरपंचों के साथ दुर्व्यवहार कर अपमान जनक शब्दों का उपयोग किया था। सभी सरपंच सीईओ से मिलकर पंचायतों में विकास से सम्बंधित डीएमएफ और मनरेगा की राशि को लेकर चर्चा के लिये गये थे। 

शिक्षा समिति के सभापति मनीराम का अपमान

दरअसल, शनिवार को गीदम ब्लॉक के गुमड़ा में पोटा केबिन और स्कूल भवन प्रशासन की तरफ से उद्घाटन कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें गीदम जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के सभापति मनीराम का अपमान किया गया। उन्हें आमंत्रित करने के बाद भी बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी गई, क्योंकि वे कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। साथ ही उद्घाटन शिला पट्टिका पर भी उनका नाम तक नहीं लिखा गया है। जबकि मनीराम का नाम लिखा जाना चाहिए था। क्योंकि वे जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के सभापति भी हैं। 

पंचायत सीईओ का सरपंचों पर भड़कना 

सरपंचों ने शालीनता पूर्वक और नियमानुसार अपनी बात रखी और पंचायतों में डीएमएफ की राशि से विकास के कार्य करने के लिए कहा था। इस पर जिला पंचायत सीईओ का सरपंचों पर भड़क जाना, दुर्व्यवहार करना, अपमान जनक शब्द कहते हुए चेंबर से बाहर कर देना, ये आदिवासी सरपंचों को ठेस पहुंचाने वाली बात है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शासन और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल में पहुंचाने का काम करते हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी का इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। इस पर उच्च स्तरीय शिकायत की जाएगी और इस तरह अपमान जनक व्यवहार बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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