पाक हिंदू शरणार्थियों के लिए उठी आवाज : संत युधिष्ठिर लाल बोले- हिंदू हिंदुस्तान नहीं आएगा, तो कहां जाएगा

शदाणी दरबार के पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल ने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों और भारत में बसे पीड़ित हिंदू समाज के ऊपर सरकार को सख्ती ना बरतने की बात कही।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-04-26 19:29:00 IST
पूज्य शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल

रायपुर। पूज्य शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल ने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों और भारत में बसे पीड़ित हिंदू समाज के प्रति सरकार से सहानुभूतिपूर्ण और न्यायसंगत दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है। उन्होंने हरिभूमि डॉट कॉम के सहयोगी चैनल inh24*7 से बातचीत में पहलगाम हमले, पाकिस्तानी हिंदुओं की स्थिति और भारत सरकार की नीतियों पर खुलकर अपनी बात रखी।

पहलगाम की घटना सिर्फ भारत नहीं, हिंदू धर्म पर हमला है

संत युधिष्ठिर लाल जी ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकवादी हमला केवल एक क्षेत्रीय घटना नहीं, बल्कि यह पूरे हिंदू समाज पर हमला है। उन्होंने इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक आघात बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं भारत सरकार को अधिक सख्ती और स्पष्टता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।

पाकिस्तानी हिंदू भारत नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे

संत ने पाकिस्तान में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों की पीड़ा को सामने लाते हुए कहा कि, वे वहां धार्मिक प्रताड़ना झेलते हैं, यदि हिंदू अपने ही देश भारत में शरण नहीं पाएगा, तो फिर कहां जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया की पाकिस्तान से आने वाले हिंदू शरणार्थी कानूनी रूप से ‘प्रॉपर सिटी वीजा’ लेकर आते हैं, फिर भी उन पर अनावश्यक सख्ती नहीं बरती जानी चाहिए।

रायपुर में 2000 से अधिक पाकिस्तानी हिंदू, LTV प्रक्रिया जारी

संत युधिष्ठिर लाल जी ने जानकारी दी कि राजधानी रायपुर में इस समय करीब 2000 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी LTV (Long Term Visa) पर रह रहे हैं। हाल ही में शदाणी दरबार में भी कुछ निर्धन और पीड़ित हिंदू परिवार पाकिस्तान से पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि LTV प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा और राज्य के उपमुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक आश्वासन भी दिया है।

सरकार से मानवीय रुख अपनाने की अपील

संत युधिष्ठिर लाल जी ने भारत सरकार से आग्रह किया की पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और धार्मिक उत्पीड़न को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे पीड़ित हिंदुओं को भारत में पूर्ण सुरक्षा, सम्मान और शरण दी जाए।

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