कमाई के चक्कर में दूसरों की जान लगा रहे दांव पर : पत्थर खदान में अवैध ब्लास्टिंग के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी 

पत्थरों की खदानों में हो रही ब्लास्टिंग से ग्रामीण काफी परेशान है। उनका कहना है कि, एक साल में दो लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। फिर भी प्रसाशन सो रहा है। नतीजतन अब वे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-02-15 18:07:00 IST
पत्थर खदान

जितेन्द्र सोनी-जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्थर खदान की ब्लास्टिंग से उड़ने वाले पत्थरों की चपेट में आकर एक साल में दो लोगों की मौत हो गई है। कई बार शिकायतें भी की गईं लेकिन इसके बावजूद खनिज विभाग और प्रशासन गहरी नींद में है। वहीं ग्रामीणों ने एक्शन ना लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। <blockquote class="twitter-tweetmedia-data-max-data-width="560"><p lang="hi" dir="ltr">जशपुर के पत्थर खदान में अवैध ब्लास्टिंग<a href="https://twitter.com/JashpurDist?ref_src=twsrc^tfw">@JashpurDist</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/Chhattisgarh?src=hash&amp;ref_src=twsrc^tfw">#Chhattisgarh</a> <a href="https://twitter.com/CG_Police?ref_src=twsrc^tfw">@CG_Police</a> <a href="https://t.co/0NocyYBzei">pic.twitter.com/0NocyYBzei</a></p>&mdash; Haribhoomi (@Haribhoomi95271) <a href="https://twitter.com/Haribhoomi95271/status/1758108166976418176?ref_src=twsrc^tfw">February 15, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" data-charset="utf-8"></script>

आरा के केतार गांव में रिहायशी इलाके में पत्थर खदान का संचालन किया जा रहा है और पत्थरों की ब्लास्टिंग से लोगों की जान खतरे में है। लोगों के घरों में दरारें आ रही है और खदान के कर्मचारियों द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है और गुस्साए ग्रामीण अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

बिना मुनादी के हो रही पत्थरों की ब्लास्टिंग 

दरअसल, आरा के केतार में कुछ दिनों पहले क्रेशर लगने की तैयारी शुरु की गई है। खदान में पहले हाथों से ही पत्थरों की तुड़ाई की जाती थी। लेकिन अब कुछ दिनों से यहां पर ब्लास्टिंग के माध्यम से पत्थरों को तोड़ा जा रहा है। ब्लास्टिंग की कोई पूर्व सूचना या मुनादी गांव में नहीं कराई जाती है। जिससे अचानक ब्लास्टिंग होने से गांव में भगदड़ की स्थिति बन जाती है।

सचिव बोले- ग्राम पंचायत से नहीं ली गई है अनुमति 

पत्थरों की ब्लास्टिंग से गांव के लोगों के पुराने और निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास में दरारें आ रही हैं। गांव के लोगों ने ब्लास्टिंग बन्द नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं ग्राम पंचायत के सचिव का कहना है कि, ब्लास्टिंग और क्रेशर के लिए ग्राम सभा या पंचायत से कोई सहमति अनुमति या पंचायत प्रस्ताव नहीं लिया गया है। खनिज विभाग के अधिकारी इस मामले में जांच करने का आश्वाशन दे रहे हैं।

घरों में आईं दरारें

सिर्फ केतार गांव ही नहीं बल्कि जिले में संचालित कई पत्थर खदानों में हो रही ब्लास्टिंग से वहां के ग्रामीण परेशान हैं। कई पत्थर खदान रिहायशी इलाकों के आसपास संचालित हैं और ब्लास्टिंग से लोगों के घरों मे दरारें आ रही हैं। ब्लास्टिंग का पत्थर भी रिहायशी इलाके में गिरता है। पिछले वर्ष हुई दो मौतों के बाद प्रशासन की ये लापरवाही किसी और ग्रामीण की जान ले सकती है। देखना होगा अब प्रशासन केतार गांव के साथ अन्य पत्थर खदानों पर क्या कार्रवाई करता है।

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