निकाय के नतीजे : सूरजपुर पालिका में 24 वोट से जीती कांग्रेस, तीन नगर पंचायतों पर भाजपा का कब्जा

सूरजपुर जिले के चार नगर पंचायत और एक नगर पालिका चुनाव के परिणाम आ गए हैं। चार नगर पंचयात अध्यक्ष पद पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। वहीं नगर पालिका सूरजपुर में कांग्रेस ने जीत हासिल की। 

Updated On 2025-02-15 16:46:00 IST
कुसुमलता राजवाडे (कांग्रेस) और मानती सिंह (बीजेपी)

नौशाद अहमद-सूरजपुर। सूरजपुर जिले के चार नगर पंचायत और एक नगर पालिका चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जहाँ चार नगर पंचयात अध्यक्ष पद पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए। वहीं नगर पालिका सूरजपुर में भाजपा की देवन्ती साहू को हराकर कांग्रेस की कुसुमलता राजवाड़े ने 24 वोट से जीत हासिल की। 

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायकों ने डोर टू डोर जाकर वोट मंगा था। वहीं कांग्रेस से भी टी एस सिंह देव सहित पूर्व विधायकों ने कमान संभाल रखा था। नगर पालिका सूरजपुर को छोड़ सभी नगर पंचयात में भाजपा ने कब्जा जमाया। भटगांव नगर पंचायत अध्यक्ष में भाजपा की परमेश्वरी राजवाड़े ने कांग्रेस के सूरज गुप्ता को 821 वोटों से हराया। वहीं जरही नगर पंचायत में भाजपा के पूरन राजवाड़े ने कांग्रेस के प्रेम राजवाड़े को 201 वोट से हराया।

भाजपा का लहरा परचम 

प्रतापपुर नगर पंचायत से भाजपा प्रत्याशी मानती सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी मानमती पैकरा को 350 वोटों से हराया। वहीं विश्रामपुर नगर पंचायत से भाजपा प्रत्याशी निर्मला यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला सोनी को 850 वोटों से हराया। 

नगर पालिका सूरजपुर में कांटे की टक्कर 

नगर पालिका सूरजपुर की बात करें तो यहां बहुत करीबी मुकाबला देखने को मिला। जहां शुरू में कांग्रेस प्रत्याशी कुसुम लता राजवाड़े 196 वोट से जीत चुकी थीं। लेकिन भाजपा के आपत्ती लगाने के बाद रिकाउंटिंग हुई जिसमें 24 वोट से देवन्ती साहू को हराया। इस दौरान कई बार भजापा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच बहस भी देखने को मिला।

नगर पालिका सूरजपुर में कांग्रेस की जीत 

सूरजपुर जिले की बात करें तो सभी नगर पंचयात और नगर पालिका पर पिछले बार कांग्रेस की सरकार बनी थी पर इस बार के चुनाव में भाजपा ने सभी नगर पंचयात जीत कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। आज सभी नगर पंचयात में जीत के बाद भी नगर पालिका अध्यक्ष 24 वोट से हारने के बाद भाजपा के बड़े लीडर के साथ कार्यकर्ताओं में मायूसी देखने को मिल रहा है। वहीं नगर पालिका की जीत के बाद कांग्रेसियों को संजीवनी देने का काम किया है।

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