दवा निगम का एक और कारनामा :  सेम कंपनी, सेम दवा के चुकाए कई गुना दाम, 20 करोड़ ज्यादा दे दिए

सीजीएमएसी किसी भी तरह की दवाओं की खरीदी के लिए कीमतों का कई तरीके से अध्ययन कर अपनी दर निर्धारित कर क्रय आदेश जारी करती है।

Updated On 2024-09-22 10:56:00 IST

विकास शर्मा - रायपुर। दवाओं की खरीदी के मामले में गड़बड़ी करने में महारत हासिल कर चुकी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एक और कारनामा सामने आया है। जिन दवाओं की खरीदी राजस्थान का दवा कार्पोरेशन कम दामों में करता रहा, उसका भुगतान सीजीएमएससी द्वारा थोक में खरीदी कर ऊंचे दर पर किया जाता रहा। दवा खरीदी समिति और अफसरों की मनमानी के कारण पिछले दो साल में सप्लायर कंपनी और उसके सहयोगियों को करोड़ों की अधिक राशि का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया। कई सौ करोड़ की गैर जरूरी रीएजेंट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजने के मामले में कटघरे में खड़े सीजीएमएसी के अधिकारियों पर शासन की बड़ी राशि का अतिरिक्त खर्च करने का बड़ा और गंभीर आरोप लगा है। सीजीएमएसी किसी भी तरह की दवाओं की खरीदी के लिए कीमतों का कई तरीके से अध्ययन कर अपनी दर निर्धारित कर क्रय आदेश जारी करती है। 

सामने आई शिकायत में यह आरोप है कि,  कीमतों को तय करने की जिम्मेदारी उठाने वाली समिति ने इस व्यवस्था को नजर अंदाज कर दिया और दवाओं की खरीदी मनमाने दाम पर कर शासन को 20 करोड़ 39 लाख से ज्यादा राशि का नुकसान पहुंचा दिया। इतना ही नहीं अफसरों ने सप्लायर एजेंसी पर विशेष मेहरबानी दिखाते हुए उसे राशि का भुगतान भी कर दिया। इन दवाओं की सप्लाई ज्यादातर १ एम इंडिया लिमिटेड और उसके सहयोगी कंपनियों द्वारा किया गया था। चौंकाने वाले तथ्य यह हैं कि दवा कार्पोरेशन ने जिन दवाओं की खरीदी सप्लायर एजेंसी के माध्यम ऊंचे दामों पर की, उसी कंपनी की वही दवा राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (आरएमएससीएल) ने लगभग आधे दामों में क्रय किया है।

इसे भी पढ़ें... लाखों रुपए गबन मामले में मैनेजर गिरफ्तार 

दवा निगम ने साधी चुप्पी

बीस करोड़ के ऊंचे दामों पर सैकड़ों दवा खरीदने के मामले में सीजीएमएससी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। तत्कालीन एमडी पद्मिनी भोई साहू ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। ज्यादा दाम पर खरीदी का खेल वर्ष 2022 से जारी है।

मुख्य सचिव तक पहुंची शिकायत

इस मामले का खुलासा राजधानी में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता श्याम अवतार केडिया द्वारा किया गया है। उन्होंने सीजीएमएससीएल और आरएमएससीएल की दवा खरीदी उनके दामों का विस्तृत अध्ययन करने के साथ मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने की बेहताशा बर्बादी जघन्य अपराध है, इसलिए मामले की गहन जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे अतिरिक्त राशि की वसूली की जाए।

     ऐसे हुआ अतिरिक्त भुगतान

दवा सीजीएमएसी की दर आरएमएससी की दर अंतर राशि

प्राइमाक्विन टेबलेट
100 रुपए
 
63 37
क्लोरफेनिरामाइन 11 5.9 5
मेटोक्लोप्रामाइड 40.32 18 22
डिगॉक्सि 7 5 2
फ्यूरोसेमाइड 40.32 25.2 15
फेनोबार्बिटल 26.20 16.44 10.24
फीनोबार्बिटोन इंजे.           16.12 9.09 7.03

 

 

Similar News