सरकारी योजनाओं से संतोषी बनीं लखपति दीदी : कृषि मित्र बनीं, जैविक खाद भी बेचती हैं, मुर्गी पालकर कमा रही अतिरिक्त आमदनी

धमतरी जिले की लखपति दीदी संतोषी हिरवानी कहती हैं कि, विष्णुदेव साय सरकार की महतारी वंदन योजना ने घरों में महिलाओं के साथ परिजनों के रिश्तों में मिठास घोल दी है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-09-20 14:52:00 IST
लखपति दीदी बनीं संतोषी हिरवानी

यशवंत गंजीर- कुरूद। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है केंद्र सरकार और पीएम श्री मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना। एक ऐसी योजना, जिसमे सुनहरे भविष्य की उम्मीद और बेबस, लाचार महिलाओं के साथ-साथ अपने जरूरी खर्चों के लिए पैसों की मोहताज महिलाओं की खुशियां ही नहीं छिपी है। 

संतोषी अब लखपति दीदी, किसी की मोहताज नहीं

इस योजना का लाभ उठाकर पोटियाडीह की श्रीमती संतोषी हिरवानी अब लखपति दीदी बन गई हैं। उनकी सफलता के विषय में पूछने पर वे खुश होकर बतातीं हैं कि, उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी का मोहताज होने की जरूरत नहीं है। वे कहतीं हैं कि, बिहान योजना के तहत वे अब लखपति दीदी बन गई हैं। इसके साथ ही संतोषी कृषि मित्र भी हैं। इसके तहत वे लोगों को जैविक खाद तैयार करना और इससे खेती करने की सलाह देतीं हैं, इसके साथ ही उन्हें जैविक तरह से कृषि दवाई बिक्री करने में एक से दो हजार की आय हर महीने होती है। 

महतारी वंदन योजना का भी मिल रहा लाभ

संतोषी हिरवानी ने बताया कि, उसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना का लाभ भी मिल रहा है। इन खुशियों के पीछे आर्थिक सशक्तिकरण का वह आधार भी है, जो कि महतारी वंदन जैसी योजना के बलबूते छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं में आत्मनिर्भरता की नींव धीरे-धीरे मजबूत करती जा रही है।

रिश्तों में घुली मिठास

महज 7 महीनों में ही विष्णु सरकार की इस महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की न सिर्फ महिलाओं में अपितु घर-परिवार में भी खुशियों की वह मिठास घोल दी है। परिवर्तन उनके जीवन शैली में भी बखूबी नजर आने लगा है। आर्थिक रूप से सशक्तिकरण ने परिवार के बीच रिश्तों की गाँठ को और भी मजबूती से बाँधना शुरू कर दिया है। इस योजना से महिलाओं का सम्मान भी बढ़ा है। 

मुर्गी शेड चिकन सेंटर और मनरेगा भी मददगार

इसके अलावा संतोषी चिकन सेंटर का संचालन कर रहीं हैं, जिससे उन्हें 6 से 7 हजार रुपये तक की महीने में आमदनी हो रही है। साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी भी करतीं हैं। साथ ही मनरेगा के तहत बने मुर्गी शेड में मुर्गियों का पालन करतीं हैं।

पीएम मोदी और सीएम साय का जताया आभार

वे बताती हैं कि, इन सभी कामों से उसे साल में एक लाख रुपये से अधिक की आमदनी होती है। इन सभी से मिली आमदनी का उपयोग वे अपने दोनों बच्चों को अच्छी सी अच्छी शिक्षा में देने के लिए करेंगी। श्रीमती संतोषी ने अपने जीवन में आये इस सुधार के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है।

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