चार महीनों से है चना वितरण ठप : प्रशासन की उदासीनता के चलते जनजातीय परिवारों को नहीं हो रहा वितरित

कवर्धा जिले में प्रोटीन पूरक पोषण आहार के रूप में मिलने वाला चने का वितरण 3-4 महीने से ठप पड़ा है। सरकार की इस योजना पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। 

Updated On 2025-04-11 16:56:00 IST
चना सप्लाई ठप्प

संजय यादव-कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को सोसायटियों के माध्यम से प्रोटीन पूरक पोषण आहार के रूप में वितरित किया जाने वाला चना वितरण ठंडे बस्ते में चली गई है। प्रशासन की उदासीनता के चलते पिछले चार-पांच माह से जिले में चने का वितरण ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में कुपोषण की जंग लड़ रही है शासन-प्रशासन की कार्ययोजना पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। 

कुपोषण को दूर करने के लिए राज्य सरकार भले ही कई तरह का प्रयास कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है। सरकार ने इस योजना का संचालन विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए शुरू किया था। जिससे कि पोषण आहार के रूप में सस्ते दाम पर मात्र पांच रुपए किलो की दर से विशेष समुदाय को चना मिल सके लेकिन कवर्धा जिले के 76 सहकारी सोसायटियों में यह योजना पिछले चार-पांच माह से ठप्प पड़ गया है। इतना ही नहीं कभी-कभी घून लगे चने का वितरण कर खानापूर्ति कर दिया जाता है, जिसे हितग्राही फेंक देते हैं। इस वजह से हितग्राहियों को महंगे दाम पर बाजार से चना लेना पड़ रहा है। 

घून मिला चना वितरित होने से परेशान हितग्राही

4-5 महीने से बंद है चना सप्लाई

जिले के बोड़ला ब्लॉक के सुदूर वनांचल क्षेत्र के अलग-अलग सोसायटी में हमने पड़ताल किया तो पता चला कि आदिवासियों को पोषण आहार वितरण ही नहीं किया जा रहा है। वहीं सोसायटी के सेल्समैन का कहना है कि, पिछले 4-5 माह से चने का सप्लाई नहीं होने के कारण वितरण बंद है। इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि, शासन स्तर से चने का भंडारण नहीं होने के कारण यह योजना पिछले कुछ माह से बंद है। भंडारण होने पर जल्द ही चने का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। 

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