कलियुग का श्रवण कुमार : पिता की स्कूटर पर मां को लेकर भारत भ्रमण पर निकला बेटा, तीर्थयात्रा कराकर पूरी कर रहा इच्छा

जगदलपुर का एक युवक श्रवणकुमार की भूमिका निभाते हुए अपनी वृद्ध माता को तीर्थों के दर्शन करा रहा है। यात्रा के दौरान कई तीर्थों और मंदिरों में दर्शन करा माता की इच्छा पूरी कर रहा है। 

Updated On 2025-04-19 12:14:00 IST
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मां- बेटा

जीवानंद हलधर- जगदलपुर। कलियुग में कई बच्चे अपने बूढ़े मां- बाप से छुटकारा पाने के लिए उन्हें वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो अपने पुत्र होने का फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। उन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ के जगदलपुर का बेटा श्रवण कुमार जो अपनी अपनी वृद्ध माता को लेकर स्कूटर से भारत भ्रमण करा रहा है। अपनी यात्रा के दौरान पड़ने वाले सभी तीर्थों में अपनी माता को दर्शन करा उसकी इच्छा पूरी कर रहा है। 

खास बात यह है कि, यह बेटा अपने पिताजी की निशानी स्कूटर में ही अपनी वृद्ध मां को लेकर निकला है। जिससे उसे पिता के होने का भी एहसास होता रहे। वहीं 2018 में कर्नाटक मैसुर के डी. कृष्ण कुमार अपनी 76 वर्षीय माता चुडारत्नमा को लेकर मातृय संकल्प यात्रा में निकला है।

पिता की स्कूटर से माता को तीर्थों के दर्शन करा रहा बेटा

माता को स्कूटर से करा रहा भारत भ्रमण 

डी. कृष्ण कुमार देशभर का भ्रमण करते हुए बस्तर पहुंचा है। जहां पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। कृष्ण कुमार ने बताया कि, वे अपनी माँ से उनकी इच्छा पूरी करने की ठान ली थी। वह परिवार को छोड़कर अपनी माता को लेकर स्कूटर में तीर्थ यात्रा के लिए निकला है। माता ने हमे बड़ा कर काबिल बनाया है और माँ की इच्छा पूरी करना उनका धर्म है। 

मीडिया से चर्चा करते हुए माँ- बेटा

कश्मीर से कन्याकुमारी तक कर चुका है यात्रा 

अब तक डी. कृष्ण कुमार ने 96 हजार 6सौ 22 किमी का सफर तय कर कन्याकुमारी से कश्मीर और द्वारका से परशुराम कुंड तक सभी मंदिरों ले जाकर दर्शन कराया है। अपने बेटे के साथ तीर्थ यात्रा में निकली मां ने कहा कि, ऐसा बेटा पाकर धन्य हो गई हूं। बेटे ने जो अपना फर्ज निभाया ऐसा सभी बेटों को निभाना चाहिए। ताकि हर वृद्ध माता- पिता को वृद्धावस्था में आश्रम नहीं बल्कि तीर्थों के दर्शन हो सके।

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