डोंगरगढ़ में जंगल किनारे बना कचरागढ़ : पशु-पक्षी हो रहे बीमार, उठते धुएं और बदबू ने बढ़ाई परेशानी

वन्यजीव संरक्षण’ और ‘स्वच्छ भारत’ जैसे अभियानों पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। डोंगरढ़ के जंगलों में कचरा डंप कर वन्यजीवों को जहर परोसा जा रहा है। 

Updated On 2025-04-25 12:17:00 IST
कचरे के ढेर में खाना ढूंढ़ रहे जानवर, हो रहे बीमार

राजा शर्मा-डोंगरगढ़। एक तरफ सरकार ‘वन्यजीव संरक्षण’ और ‘स्वच्छ भारत’ जैसे अभियानों पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ नगर पालिका की लापरवाही इन योजनाओं को खुलेआम ठेंगा दिखा रही है। शहर के सरस्वती शिशु मंदिर से बछेरा भांटा रोड से लगे जंगल के किनारे खुलेआम कचरे का अंबार लगाया जा रहा है, वो भी कोई आम कचरा नहीं, बल्कि पॉलिथीन, झिल्ली, मेडिकल वेस्ट और अन्य खतरनाक अपशिष्ट। 

मणिकंचन केंद्र केवल नाम मात्र का बनाया गया है और पूरे शहर का कचरा उसके पीछे लाकर बिना किसी उचित व्यवस्थापन के डंप किया जा रहा है। जिसके चलते अब डोंगरगढ़ शहर का कचरा जंगल में कई किलोमीटर तक फैल चुका है। 

दिन में गाय-भैंस और रात में वन्यजीव बन रहे ‘कचरे के शिकार’

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा में दिन चढ़ते ही इन कचरे के ढेरों पर आवारा मवेशियों की भीड़ लग जाती है, तो रात होते ही कई जंगली जानवर इन्हीं जहरीले कचरों को भोजन समझकर खा लेते हैं। धीरे-धीरे ये कचरा उनके शरीर को अंदर से खा रहा है लेकिन इससे न नगर पालिका को फर्क पड़ता है, न वन विभाग को लेकिन इन दोनों विभागों की लापरवाही के चलते पर्यावरण जरूर बर्बाद हो रहा है।

डोंगरगढ़ के जंगल में परोसी जा रही जहर

कई बार इस गंभीर मुद्दे को वन्यजीव प्रेमियों द्वारा संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, लेकिन हालात जस के तस हैं। अभी हाल ही में इसी एरिया के मुक्तिधाम में कचरा डंप करने के चलते स्थानीय लोगों ने विरोध किया था लेकिन पालिका के कान में जू तक नहीं रेंगी। स्थिति आज तक जस की तस है उल्टा अब हालत और भी बदतर हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन उसका असर जमीन पर नहीं बल्कि फाइलों में नजर आता है। शहर के वार्ड नंबर एक और तीन में मुक्तिधाम के साथ ही शहर के बाहर जो मंजर है, वह किसी गैस चेंबर से कम नहीं।  जंगल के आसपास फैली यह गंदगी केवल वन्य जीवन ही नहीं, पूरी पारिस्थितिकी को खतरे में डाल रही है। 

जल्द होगी कार्रवाई- डोंगरगढ़ एसडीएम ने दिया आश्वासन 

जहां एक तरफ सरकार हर मंच से हरे-भरे जंगलों को बचाने की बात करती है, वहीं उसके नुमाइंदे चुपचाप इस ‘पर्यावरणीय हत्या’ में भागीदार बन बैठे हैं। बहरहाल डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम ने इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए जल्दी ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है अब देखना होगा कि नगर पालिका और वन विभाग की इस लापरवाही को कैसे सुधारा जाता है।

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