DMF की बैठक : पुराने सदस्यों को कलेक्टर ने किया बाहर, नए मेम्बरों की भर्ती 

दंतेवाड़ा जिले में लौह अयस्क की बैलाडीला की खानों से अयस्क खनन  मिले शुल्क DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) सालाना करोड़ो रूपये का होता है। बैठक में लापरवाही बरतने वालों को बाहर किया गया है। 

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-08-20 15:05:00 IST
DMF

पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लौह अयस्क की बैलाडीला की खानों से अयस्क खनन मिले शुल्क DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) सालाना करोड़ों रूपये का होता है। जिसका खर्च खनन प्रभावित क्षेत्र को प्राथमिकता में रखते हुये लाल पानी प्रभावित क्षेत्र का विकास करना है। सालो से यह सिलसिला दंतेवाड़ा जिले में चल रहा है। इस पैसे के खर्च में क्षेत्र के हितलाभ को ध्यान में रखते हुये प्रशासनिक और खनन क्षेत्र के सरपंच, प्रभावित इलाकों के ग्रामीण जुड़कर विकास की चर्चा करते हैं। 

नई सूची 

दरअसल, DMF में शासी परिषद में जिला निर्माण समिति का गठन दंतेवाड़ा जिले में पहले 2 फ़रवरी को हुआ था। उसमें से गीदम के जावंगा में संचलित एक अप्रवासी आंध्रप्रदेश निवासी टी रंजीत को तक को सदस्य बनाया गया था। जिसे हरिभूमि डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था। अभी 6 महीने बीतते ही पुरानी गठित समिति के कुछ सदस्य शासी परिषद की बैठक मे नदारत रहने लगे। जिसको देखते हुए कलेक्टर ने एक संशोधित सूची 05 अगस्त को जारी कर दी गई। जिस पर चार नये पदेन सदस्य रामू नेताम, नंदलाल मुड़ामी, मुकेश शर्मा और श्रवण कड़ती को सदस्यता दी गयी है। 

कई सदस्यों को किया गया बाहर 

पुरानी सूची 

वहीं जिन सदस्यों ने DMF की बैठक में कोई रुचि नही दिखाई उन्हें बाहर का रास्ता दिखा गया। विकास कार्यो में प्रशासन के साथ सहभागिता दिखाते हुये इस फंड के उपयोग के लिये यह समिति महत्वपूर्ण है।

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