चने ने बदली किसानों की तकदीर : तरसीवां समिति में पहले दिन ही हुई दस क्विंटल खरीदी, कलेक्टर ने किसानों से पंजीयन कराने की अपील

धमतरी जिले में समर्थन मूल्य पर आज से चना की खरीदी शुरू हो गई है। शनिवार को प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तरसींवां में दो किसानों ने लगभग दस क्विंटल चना बेचा।

Updated On 2025-03-01 19:41:00 IST
समिति में चना तौलता हुआ किसान

यशवंत गंजीर- कुरुद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में समर्थन मूल्य पर आज से चना की खरीदी शुरू हो गई है। शनिवार को प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तरसींवां में दो किसानों ने लगभग दस क्विंटल चना बेचा। इससे पहले समिति के पदाधिकारियों ने चना खरीदी की शुरुआत पर पूजा अर्चना की और इस अभियान के सफल होने की ईश्वर से कामना की। सबसे पहले पिपरछेड़ी गांव के किसान गंभीर राम साहू अपने खेत में उपजाये चने बोरों में भर समिति में बेचने लाए। इसके बाद किसान मुरलीधर साहू ने चने बेचने अपनी गाड़ी समिति में लगाई। दोनों किसानों से समिति में समर्थन मूल्य पाँच हज़ार 650 रुपये के भाव से लगभग दस क्विंटल चना खरीदा गया। 

उप संचालक कृषि  मोनेश साहू ने बताया कि इस वर्ष प्रधानमंत्री आशा योजना के तहत जिले में चना की फसल लगाने वाले किसानों से चना की खरीदी की शुरुआत हो गई है। समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ छह क्विंटल चने की ख़रीदी की जाएगी। जिले में चना खरीदी के लिए चार उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धमतरी विकासखंड में प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तरसींवां और लोहरसी को उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इसी तरह कुरूद विकासखंड में प्राथमिक सेवा सहकारी समिति रामपुर और कातलबोड़ को उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इन केन्द्रों पर पंजीकृत किसानों से चना खरीदा जाएगा। कलेक्टर नम्रता गांधी ने भी अधिक से अधिक चना उत्पादक किसानों से पोर्टल पर पंजीयन कराने और अपनी चने की फसल पर वाजिब दाम लेने की अपील की है। 

पूजा करते समिति प्रबंधक  

साढ़े नौ हजार से अधिक चना उत्पादक किसानों ने कराया पंजीयन

जिले में चना खरीदी के लिए चालू रबी मौसम में नौ हजार 676 किसानों के पंजीयन किया जा चुका है। जिले में अबतक धमतरी तहसील में 5 278, कुरूद तहसील में 3909, मगरलोड तहसील में 311 और नगरी तहसील में 158 किसानों ने चना बेचने के लिए पंजीयन करा लिया है। चना बेचने के लिए अभी तक पंजीयन नहीं  कराने वाले किसानों के पास अभी सुनहरा मौका है। पंजीयन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन लगातार जारी है। जो किसान अपनी चने की फसल बेचने के लिए पंजीयन नहीं करा पाए है वे अभी भी पंजीयन करा सकते है।

किसान ऐसे कराएं पंजीयन

जिले के कृषि विभाग के उप संचालक  मोनेश साहू ने बताया कि, चना की फसल लगाने वाले किसान अपना पंजीयन किसान पोर्टल पर अभी भी करा सकते हैं। पोर्टल अभी चालू है, इसके लिए किसानों को अपने खेत की ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक पास बुक और मोबाइल नम्बर के साथ आवेदन अपने क्षेत्र की सहकारी समिति में जमा करना होगा। पोर्टल पर पंजीयन के बाद क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा फ़सल का सत्यापन किया जाएगा।  

धान की फसल से कम लगता है पानी 

चना बेचने तरसींवां समिति आए सांकरा गांव के किसान मुरलीधर साहू ने बताया की पिछले साल तक वे अपने खेत में गर्मी का धान लगाते थे। धान की फसल में पानी ज़्यादा लगता था, साथ ही लागत भी ज़्यादा थी। मजदूरों की समस्या से स्वयं और परिवार को खूब मेहनत करनी पड़ती थी। इसके बाद भी धान की फसल पकने और काटने तक सरकारी धान खरीदी बंद हो जाती थी। तब अपनी मेहनत की फसल को मंडी में बोली लगाकर या बिचौलियों के यहां कम दाम पर बेचना पड़ता था। मुरलीधर ने बताया कि इस बार जिला प्रशासन और कृषि विभाग की समझाईश पर गर्मी की धान के बदले चना की फसल लगाई । फसल की लागत धान के मुक़ाबले लगभग आधी पड़ी और पानी भी बहुत कम लगा। 

समर्थन मूल्य मिलने से किसानों को हो रहा दुगुना फायदा 

उन्होंने बताया कि सरकार ने चने का सरकारी रेट समर्थन मूल्य 5650 रुपये घोषित किया तो अब बिचौलियों के चंगुल से भी किसान बच गए है। अब पानी चने की फसल को सीधे समिति में लाकर 5650 रुपए में बेचने से लगभग दो गुना फ़ायदा हो रहा है। एक अन्य किसान गंभीरराम साहू ने भी आज समिति में चार क्विंटल चना बेचा है। गंभीर राम ने बताया कि, चने की फसल से पानी की खूब बचत हुई है यदि सभी किसान गर्मी का धान छोड़ चना, सरसों जैसी दाल-तेल वाली फसल लगाये तो पानी तो बचेगा ही इसके साथ जमीन में पानी का लेवल भी बढ़ेगा, खेत की मिट्टी की सेहत ठीक होगी और खेतों की लागत कम होने से किसानों को अच्छा फायदा भी मिलेगा। किसानों ने सरकार को दलहन-तिलहन की समर्थन मूल्य निर्धारित कर खरीदी करने को खेती और किसानों के लिए फायदेमंद निर्णय बताया और सरकार के प्रति आभार भी जताया। 

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