दंतेवाड़ा - किरंदुल रेल मार्ग रहेगा बंद : केके लाइन की दोहरीकरण का होगा काम, 9 से 27 फरवरी तक नहीं चलेगी पैसेंजर ट्रेन

केके रेललाइन में दोहरीकरण का काम चलने से दंतेवाड़ा-किरंदुल के बीच 19 दिनों तक रेल सेवा प्रभावित रहेगी।

Updated On 2025-02-07 14:13:00 IST
पैसेंजर ट्रेन

अनिल सामंत - जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन में दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच 9 से 27 फरवरी तक रेल (यात्री) सेवा प्रभावित रहेगी। भांसी और बचेली रेललाइन के समेली घाट सेक्शन नद दोहरीकरण का काम चल रहा है। इस वजह से दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच 19 दिनों तक रेल सेवा बाधित रहेगी।

इस दौरान किरंदुल जाने वाली दोनों यात्री ट्रेनों किरंदुल-विशाखापत्तनम पैसेंजर (गाड़ी संख्या 58501-58501) और किरंदुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 18513-18514) का परिचालन दंतेवाड़ा तक किया जाएगा। 19 दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी जबकि मालगाड़ियों का परिचालन पहले की तरह ही होगा। 

दोनों यात्री ट्रेन दंतेवाड़ा में रद्द

बता दें कि, किरंदुल से ओड़िशा के जैपुर स्टेशन के बीच 219 किलोमीटर और दंतेवाड़ा जिले में कमलूर से बचेली के बीच लगभग 20 किलोमीटर रेललाइन में दोहरीकरण का काम बाकी है। इस सेक्शन में बचेली से किरंदुल के बीच 9.48 किलोमीटर की दोहरी लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) का बचेली-किरंदुल के बीच नई लाइन की जांच के लिए 27 फरवरी को प्रवास प्रस्तावित है। इसके पहले इन दोनों स्टेशनों के बीच - नान इंटरलाकिंग का काम पूरा किया जाएगा। यात्री सुरक्षा की दृष्टि से दोनों यात्री ट्रेनों को दंतेवाड़ा में रद्द कर वहीं से विशाखापत्तनम के बीच चलाने का प्रस्ताव रेल प्रशासन मंडल ने किया है। 

दंतेवाड़ा-किरंदुल 42 किलोमीटर का रेलखंड अति नक्सल प्रभावित

बचेली-किरंदुल के बीच नई लाइन की नान इंटरलाकिंग की जाएगी। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी 27 फरवरी को आएंगे। रेल लाइन के निरीक्षण का काम नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण रूका हुआ है। किरंदुल से जैपुर के बीच दंतेवाड़ा-किरंदुल 42 किलोमीटर का रेलखंड अति नक्सल प्रभावित माना गया है। इसे छोड़कर अन्य क्षेत्रों में दोहरी लाइन बिछाने का काम तीन साल पहले ही पूरा कर लिया गया था।

नक्सली प्रभाव के कारण काम पांच साल पीछे चल रहा है 

दंतेवाड़ा-किरंदुल रेलखंड में दंतेवाड़ा से कमलूर तक दोहरीकरण का काम पिछले साल पूरा किया गया। बचेली-किरंदुल के बीच भी काम पूरा होने वाला है। कमलूर से बचेली के बीच पटरी बिछाने का काम जारी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र से होने रेललाइन दोहरीकरण कार्य निर्धारित समय से लगभग 5 साल पीछे चल रहा है। अगले साल मार्च तक यहां भी काम पूरा हो जाएगा। जिसके बाद बस्तर संभाग में आने वाले केके रेललाइन का संपूर्ण क्षेत्र दोहरीलाइन में बदल जाएगा। भुवनेश्वर को तीन फरवरी को भेजा जा चुका है। संभावना है कि, जोन मुख्यालय से एक दो दिनों में निर्देश मिलते ही दोनों यात्री ट्रेनों के परिचालन की स्थिति को लेकर सूचना जारी की जाएगी।

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