147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : सीएम साय बोले- इससे छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है।

Updated On 2024-11-29 10:54:00 IST
राजभाषा दिवस के कार्यक्रम में सीएम विष्णुदेव साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने फिल्म सिटी के निर्माण के लिए 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि, चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों और  छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही इसके साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

विभूतियों को दी जाने वाली राशि में होगी बढ़ोतरी 

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है। 

छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्यकारों को किया गया सम्मानित 

मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि, पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था। सीएम साय ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया। 

छत्तीसगढ़ी भाषा के सम्मान के लिए करने होंगे प्रयास 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे। 

ये रहे मौजूद 

कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी, संचालक संस्कृति और राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि, आयोग ने छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग ने अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया है।
 

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