छत्तीसगढ़ को मिलेंगी 240 ई बसें : केंद्र सरकार ने किस शहर के लिए कितनी बसें मंजूर कीं... पढ़िए

राज्य के शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, हमारे राज्य में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत से शहरी परिवहन में क्रांति आएगी। 

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-03-15 19:10:00 IST
सांकेतिक फोटो

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत राज्यों को शहरो की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार रायपुर को 100, दुर्ग भिलाई को 50, बिलासपुर को 50 तथा कोरबा को 40 इस प्रकार कुल 240 ई बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के चार प्रमुख शहरों रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, और कोरबा को पीएम ई बस सेवा योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मंजूरी दी है। यह घोषणा न केवल छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर भी है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ और हरित भारत के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सीएम साय बोले- पर्यावरण संरक्षण के साथ यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधा 

ई बस सेवा को लेकर सूबे के सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, हमारे राज्य में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत से शहरी परिवहन में क्रांति आएगी। यह पहल हमें पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है। उन्होने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों का इस चैलेंज में सफल होने पर बधाई दी एवं भविष्य मे और शहरों के इस योजना मे सम्मिलत करने हेतु प्रयास करने के निर्देश दिए। 

डिप्टी सीएम साव बोले- यह योजना हमारे नागरिकों के लिए एक उपहार 

वहीं उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव ने कहा कि, डबल इंजन की सरकार के कारण हम नवाचार और स्थिरता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह योजना हमारे नागरिकों के लिए एक उपहार है, जो न केवल पर्यावरण को बचाएगी बल्कि हमारे जीवन को भी सुगम बनाएगी। ई-बसों का आगमन छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए एक नई और स्वच्छ परिवहन सेवा का द्वार खुलेंगे। इन बसों के शुरू होने से पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी और शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, साथ ही ऊर्जा की बचत भी होगी।


 

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