CG Assembly Budget Session : डिजिटल अरेस्ट में लोगों ने गंवाए 168 करोड़ रुपए, चंद्राकर ने पूछा- सायबर क्राइम रोकने की  व्यवस्था क्या है

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन डिजिटल अरेस्ट और सायबर क्राइम को रोकने का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायकों ने सरकार से मांगी जानकारी।

Updated On 2025-02-28 12:44:00 IST
चंद्राकर ने पूछा- सायबर क्राइम रोकने की व्यवस्था क्या है

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल में डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा उठा। बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा कि, प्रदेश में डिजीटल अरेस्ट के कितने मामले आए हैं,  पीड़ितों को कितना पैसा वापस दिला पाए इसकी जानकारी मांगी। साथ ही विधायक अजय चंद्राकर ने सायबर क्राइम को रोकने का मुद्दा उठाते सवाल पूछा। 

डिजिटल अरेस्ट के सवाल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, 168 करोड़ रुपए ठगों ने लोगों से ठगे हैं। छत्तीसगढ़ में अब तक डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण आए हैं। जिस पर पुलिस ने सभी मामलों पर प्रारंभिक कार्रवाई की है। जिसमें से ठगों से वसूल की गई 5 करोड़ 20 लाख रुपए पीड़ितों को वापस किया गया है। 

खातों को फ्रिज नहीं करने विधायक ने पूछा सवाल 

ठगों ने 4 करोड़ 13 लाख की राशि को खातों के माध्यम से होल्ड किया है। ठगी के बाद 1 हजार 795 बैंक खाता अभी भी एक्टिव है। इस दौरान 921 खातों में एक से अधिक बार ट्रांजेक्शन किया गया। वहीं खातों को फ्रिज नहीं करने पर भाजपा विधायक ने प्रश्न पूछा, जिस पर मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, पहला खाता अनिवार्य तौर पर फ्रिज किया जाता है। लिंक खातों को फ्रिज नहीं किया जाता है सिर्फ राशि को होल्ड किया जाता है। पुलिस ने मामलों में 722 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने 722 में से 347 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

प्रदेश में कितने साइबर थाने खोले गए - अजय चंद्राकर 

भाजपा विधायक ने सायबर क्राइम को रोकने एक्सपर्ट की व्यवस्था पर सवाल पूछा, जिस पर विजय शर्मा ने कहा कि, अभी तक 723 आरोपी ही चिन्हांकित किया गया। इनकी संख्या कहीं ज्यादा है, अन्य की गिरफ्तारी और पाताशाजी की प्रक्रिया जारी है। वहीं अजय चंद्राकर ने पूछा प्रदेश में कितने साइबर थाने खोले गए हैं। इस पर मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, 1 साइबर भवन शुरू किया गया है, जिसके लिए  51 लाख सॉफ्टवेयर विभाग ने खरीदा है। 

सायबर क्राइम रोकने कमांडों की ले रहे ट्रेनिंग

सायबर क्राइम को रोकने अत्याधुनिक मशीनरी की खरीदी की गई है। प्रदेश के सभी 5 रेंज में सायबर थानों की स्थापना की गई है। सभी 33 जिलों में सायबर सेल खोला गया है। प्रदेश के 6 पुलिस अधिकारी सायबर कमांडों की ट्रेनिंग ले रहे हैं। सायबर एक्सपर्ट की सेवाएं विभाग से ली जा रही है।

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