गणतंत्र दिवस का अपमान : गंगालूर तहसील कार्यालय में नहीं फहराया गया तिरंगा, तहसीलदार और अफसर रहे गायब 

बीजापुर के गंगालूर के तहसील कार्यालय में गणतंत्र दिवस का अपमान किया गया। जहां ध्वजारोहण के लिए न तो तहसीलदार पहुंचे और न ही कोई अमला पहुंचा। कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा।

Updated On 2025-01-26 16:21:00 IST
गंगालूर तहसील कार्यालय

गणेश मिश्रा- बीजापुर। देशभर में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। सीएम विष्णुदेव साय ने अंबिकापुर में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। लेकिन बीजापुर  के गंगालूर के तहसील कार्यालय में गणतंत्र दिवस का अपमान किया गया। जहां ध्वजारोहण के लिए न तो तहसीलदार पहुंचे और न ही कोई अमला पहुंचा। कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। जिसके बाद ग्रामीणों ने नाराजगी जताई और सरपंच ने कहा कि, ये गणतंत्र का अपमान है।  

सीएम साय ने अंबिकापुर किया ध्वजारोहण 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में तिरंगा फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली। सीएम श्री साय ने इस अवसर पर आम जनता को संदेश दिया। उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। सीएम श्री साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि, आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है। आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं। इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई।  उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया। उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे और संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे। नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया जिससे हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो सके। इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं।  

राज्यपाल रमेन डेका ने अंबिकापुर किया ध्वजारोहण 

वहीं राजधानी रायपुर  के पुलिस पर्रेड ग्राउंड में राज्यपाल रमेन डेका ने ध्वजारोहण किया और प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि, छत्तीसगढ़ विकास की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से लोगों को मौलिक अधिकार दिलवाकर यह सुनिश्चित किया कि, लोग राष्ट्रहित अपनी भागीदारी निभा सकें। 

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