जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक : गांव का नाम एक जैसा होने की वजह से किसानों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

बलौदाबाजार में खपरी नाम के दो गांव होने की वजह से रेल लाइन के मार्ग में नहीं आने वाले गांव को भी जमीन की खरीदी-बिक्री के अस्थायी रोक का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

By :  Ck Shukla
By :  Ck Shukla
Updated On 2025-05-02 12:32:00 IST
जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से होकर गुजरने वाली रेल लाइन परियोजना के चलते जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी प्रशासनिक रोक लगी है। इससे स्थानीय किसान गंभीर आर्थिक संकट में पड़ गए है। राजस्व विभाग द्वारा बलौदाबाजार जिले में प्रस्तावित रेल लाइन के मार्ग में आने वाले ग्रामों की भूमि रजिस्ट्री पर अस्थायी रोक लगाई गई है। परंतु खपरी नाम के एक जैसे कई गांवों होने के कारण यह रोक उन गांवों पर भी लागू हो गई है, जो इस रेल लाइन से प्रभावित ही नहीं हैं।

स्थानीय किसानों को झेलना पड़ रहा आर्थिक संकट 

पलारी तहसील के खपरी (भवानीपुर) निवासी किसान गोपीचंद निषाद ने बताया कि, उनकी भतीजी की शादी तय हो चुकी है, और खर्च के लिए उन्हें अपनी कुछ जमीन बेचनी थी। लेकिन रजिस्ट्री कार्यालय में यह कहकर मना कर दिया गया कि खपरी गांव रेल परियोजना के अंतर्गत आता है। जबकि वास्तविकता यह है कि जिस खपरी गांव से रेल लाइन गुजर रही है, वह यहां से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। इस नाम समानता के चलते जिला प्रशासन द्वारा सभी खपरी गांवों पर रजिस्ट्री प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। इससे दर्जनों किसान परेशान हो रहे हैं। 

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि संबंधित खपरी गांवों की स्पष्ट पहचान कर गैर-प्रभावित गांवों से रजिस्ट्री पर लगी रोक तत्काल हटाई जाए। यदि समय रहते यह समस्या हल नहीं की गई तो किसानों को खेती, पारिवारिक जिम्मेदारियों और जीवन-निर्वाह में गहरी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
 

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