प्रशासन का बड़ा एक्शन : एकता राइस मिल में चला बुलडोजर,  संचालक ने किसान से की थी मारपीट

बलौदाबाजार जिले में एकता एग्रो राइस मिल में प्रशासन का बुलडोजर चला। मौके पर तहसीलदार की टीम मौजूद रही। बताया जा रहा है कि, राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। 

Updated On 2025-04-07 11:59:00 IST
एकता राइस मिल में चला बुलडोजर

विश्वनाथ द्विवेदी- सुहेला। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एकता एग्रो राइस मिल में प्रशासन का बुलडोजर चला। मौके पर तहसीलदार की टीम मौजूद रही। बताया जा रहा है कि, राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। वहां पर वह भवन निर्माण कार्य करवा रहा था। यह पूरा मामला हथबंद थाने के खिलौरा गाँव का है। 

उल्लेखनीय है कि, कुछ दिनों पहले राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल और उसके साथियों ने एक किसान की बेदम पिटाई कर दी थी। बदमाशों ने किसान पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर पहले उसका अपहरण किया। इसके बाद बैल्ट, लात-घूसे और चप्पल से जमकर पिटाई की। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। 

राइस मिल संचालक और साथियों ने किसान की कर दी थी बेदम पिटाई

हरिभूमि डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। वहीं शनिवार, 5 अप्रैल को पीड़ित किसान अपने परिवार सहित एसपी कार्यालय पहुंचा। उसने अपने शरीर के निशान दिखाए और मामले की शिकायत दर्ज करवाई। तब प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया। राइस मिल संचालक की जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि, उसने शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया है और वहां पर भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर चलवाने का फैसला लिया। इस दौरान तहसीलदार और पटवारी भी मौजूद रहे। 

यह है पूरा मामला

1 अप्रैल को किसान गांव में आयोजित डांस प्रतियोगिता देखकर वापस लौट रहा था। इस दौरान राइस मिल संचालकों ने उसका अपहरण कर उसे अपने घर ले गए। वहां पर उन्होंने उसे लात-घूंसे, चप्पल और डंडों से करीब एक घंटे तक पीटा । जब परिजनों को खबर मिली और वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने हाथ जोड़कर मिन्नतें की, लेकिन दबंग नहीं रुके। किसान को अधमरा होने तक पीटा गया और जब वह बेहोश हुआ  तो उसे मरा समझकर छोड़ दिया गया। 

चार दिनों तक चला इलाज, तब पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत 

परिजनों ने घायल किसान को मिशन अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चार दिनों तक उसका इलाज चला। होश में आने के बाद किसान ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई। अब वह अपने परिवार और गांव के प्रतिनिधियों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचा और डीएसपी के सामने अपने चोटों के निशान दिखाए।

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