छत्तीसगढ़ में आवास क्रांति: घर-घर पहुंची 'मोर दुवार- साय सरकार' योजना, हर जरूरतमंद को मिलेगा पक्का मकान

छत्तीसगढ़ में जरूरतमंद ग्रामीणों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की दिशा में नया इतिहास रचा जा रहा है। गांवों में अब झोपड़ियों की जगह साफ-सुथरे पक्के मकान दिखाई देने लगे हैं।

Updated On 2025-05-29 17:19:00 IST

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार आने के बाद ग्रामीणों के विकास और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में इतिहास रचा जा रहा है। सरकार ने आवासहीनों को पक्का मकान दिलाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। 'मोर दुवार- साय सरकार' नामक इस अभियान के माध्यम से गरीब, वंचित और आवासहीन परिवारों के घर जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों यहां तक कि, मुख्यमंत्री भी दस्तक देने पहुंचे। इस अभयान के माध्यम से जरूरतमंदों को सम्मान के साथ 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत पक्के घर का अधिकार भी मिला है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वयं बस्तर के घाट पदमपुर नामक गांव से इस अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री श्री साय ने पद संभालने के दूसरे दिन ही कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान कर स्पष्ट कर दिया था कि, प्रधानमंत्री आवास योजना का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार अब अपने इसी संकल्प को 'मोर दुवार- साय सरकार' अभियान के माध्यम से पूरा कर रही है।


झोपड़ियों की जगह दिखने लगे साफ-सुथरे पक्के मकान
छत्तीसगढ़ में चल रही ग्रामीण आवास क्रांति का ही यह परिणाम है कि अब गांवों में विशेषकर पिछड़े और गरीब तबके की बस्तियों में मिट्टी के जीर्णशीर्ण घरों और बांस- बल्ली के सहारे टिकी घास-फूंस की झोपड़ी की जगह अब साफ-सुथरे पक्के मकान बने हुए अथवा बनते दिखाई देने लगे हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सुदूर वनांचल का कोई ऐसा गांव अथवा मजरा- टोला नहीं, जहां 8-10 पक्के घर, प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए हाल- फिलहाल में न बने हों। यह योजना न केवल लाखों गरीब परिवारों को छत दे रही है, बल्कि रोजगार, व्यापार और उद्योगों को भी गति प्रदान कर रही है। इससे सीमेंट, ईट, सरिया और निर्माण सामग्री से जुड़े व्यवसाय में तेजी आयी है। यह जनकल्याण और आर्थिक विकास का एक संतुलित मॉडल है।

11,50,315 ग्रामीण आवासों के अलावा अतिरिक्त 3 लाख मकान मिले
छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने साल 2024-25 के लिए कुल 11,50,315 ग्रामीण आवासों का लक्ष्य दिया है। इसमें से अब तक 9,41,595 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्य को अतिरिक्त 3 लाख आवासों की स्वीकृति देने से यह प्रयास और भी व्यापक हो गया है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी ग्रामीण आवासीय पहल है। 


कमार बस्ती में 15 परिवारों को मिले पक्के मकान
राज्य सरकार समाज के सभी वर्ग के पात्र परिवारों के साथ-साथ बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध करा रही है। महासमुंद जिले के धनसुली गांव की कमार बस्ती में 15 से अधिक कमार परिवारों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इससे इन जनजातीय परिवारों के जीवन में स्थायित्व आया है और वे शासन की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो रहे हैं। 

सर्वेक्षण पूरा करने वाले कर्मचारियों का हुआ सार्वजनिक सम्मान
छत्तीसगढ़ सरकार का मोर दुवार- साय सरकार अभियान 30 अप्रैल तक तीन चरणों में चलाया गया। जिसमें पात्र हितग्राहियों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना और ग्राम सभाओं के माध्यम से सूची का वाचन और शत-प्रतिशत पात्र परिवारों का कवरेज सुनिश्चित करने के साथ ही सर्वेक्षण पूर्ण करने वाले कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा गांव में जाकर सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करना और हितग्राहियों से उनके बारे में जानकारी लेना इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और संकल्पित है।

बरती जा रही है पूरी पारदर्शिता
इस अभियान को जन अभियान का स्वरूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों, जनसेवियों और स्थानीय कलाकारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पीएम आवास पंचायत एम्बेसडर के रूप में नामित व्यक्तियों द्वारा भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। गृह पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता एवं जानकारी की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

मुख्यमंत्री आवास योजना से 38,632 आवास हुए मंजूर
प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त, राज्य में जरूरतमंद परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 47,090 आवासों के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 38,632 आवास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य सरकार की विशष पहल पर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ितों परिवारों के लिए 15,000 विशेष आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनका निर्माण कराया जा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों के लिए 42,326 आवास के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तक 27,778 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 6,482 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। नियद-नेल्ला-नार योजना के अंतर्गत अब तक 477 आवास पूर्ण कराए गए हैं।

आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बिलासपुर से 3 लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराना इस योजना की सफलता का परिचायक है। प्रदेश की पिछली सरकार ने 18 लाख पात्र हितग्राहियों को आवास से वंचित रखा। वर्तमान सरकार अब हर हितग्राही को उसका अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही है। 'मोर दुवार- साय सरकार' महाअभियान शासन की संवेदनशीलता, नीति की पारदर्शिता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अभियान केवल योजना की सफलता नहीं, बल्कि एक मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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