रोका गया बाल विवाह: बालिग होने से चार महीने पहले हो रही थी शादी, ऐन वक्त पर पहुंची प्रशासन की टीम
ग्राम कनेरी में प्रशासन की तत्परता से 17 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रोककर उसे बचपन जीने का अधिकार दिलाया गया।
17 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रोककर उसे बचपन जीने का अधिकार दिलाया गया
एनिशपुरी गोस्वामी-मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला विकासखंड के अंतर्गत बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर अपनी सक्रियता दिखाई। विकासखंड मोहला के ग्राम पंचायत कनेरी में बालिका के प्रस्तावित विवाह को समय रहते रोका गया, जिससे बालिका को अपना बचपन जीने का अवसर मिला।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत कनेरी में 17 साल और 8 महीने की एक बालिका का विवाह प्रस्तावित था। बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई की और 21 मई 2025 को बाल विवाह को सफलतापूर्वक रोक लिया गया। बालिका को विवाह के कानूनी प्रावधानों के बारे में समझाया गया और यह बताया गया कि 18 वर्ष की उम्र से पहले किसी भी लड़की का विवाह करना कानूनी रूप से गलत है।
बाल विवाह के कानूनी परिणामों के बारे में समझाया गया
वधु पक्ष के परिजनों और ग्रामवासियों को बाल विवाह के कानूनी परिणामों के बारे में समझाया गया और विवाह स्थगित करने के लिए लिखित सहमति ली गई। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, और ग्राम पंचायत को विवाह पंजीकरण की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
प्रशासन की सक्रियता और टीम का योगदान
इस अभियान में सी.एस. मिश्रा, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, दिनेश साहू, तहसीलदार मोहला, नेहा पवार, डीएसपी और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, सुरजा ध्रुव और अर्पिता राठौर, पर्यवेक्षकों ने भी इस कार्य में योगदान दिया। प्रशासन की यह सक्रियता बाल विवाह की कुरीति को खत्म करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
सामाजिक जागरूकता की जरूरत
यह घटना यह साबित करती है कि प्रशासनिक तत्परता और सामाजिक जागरूकता के साथ हम बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोक सकते हैं। गांवों में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसके कानूनी और सामाजिक परिणामों को समझ सकें।