जिला हॉस्पिटल में लेडी गार्ड ने लगाया इंजेक्शन: हाई कोर्ट ने पूछा-आखिर ऐसा कैसे हो गया, यह बड़ी लापरवाही

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला हॉस्पिटल में लेडी गार्ड ने मरीज को इंजेक्शन लगा दिया। इसकी खबर प्रकाशित होने पर हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया।

Updated On 2025-08-29 12:11:00 IST

बिलासपुर हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

बिलासपुर। गरियाबंद जिला अस्पताल में नर्स की जगह गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। सीएमएचओ और सिविल सर्जन को नोटिस के बाद इस संदर्भ में आगे कार्रवाई के संबंध में पूछा गया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने कलेक्टर गरियाबंद को इस संदर्भ में लोअप जानकारी देने को कहा था। कलेक्टर की ओर से पेश शपथ पत्र में बताया गया कि, गार्ड को इंजेक्शन लगाने के लिए किसी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या कर्मचारी द्वारा नहीं कहा गया था। गार्ड ने स्वयं ही इंजेक्शन लगा दिया है। लापरवाही के कारण गार्ड और सुरक्षा एजेंसी दोनों को हटा दिया गया है। हालांकि हाईकोर्ट इस जवाब से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुआ और सवाल किया कि, आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, यह तो और बड़ी लापरवाही है।

ऐसी घटना रोकने क्या उपाय किए गए : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि, स्वास्थ्य कर्मी नहीं बल्कि कोई बाहरी व्यक्ति इलाज कर रहा। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला अस्पताल में ऐसी चूकों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी मांगी थी। शासन की ओर से कहा गया कि, सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करने के साथ ही सभी बातों पर ध्यान दिया जा रहा है।

इंजेक्शन लगाते लेडी गार्ड की तस्वीर हुई थी वायरल
उल्लेखनीय है कि, गरियाबंद जिला अस्पताल में मरीज को नर्स की जगह गार्ड ने इंजेक्शन लगा दिया था। इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है। यह घटना तब प्रकाश में आई जब एक पूर्व पार्षद, जो अपने भतीजे के साथ इलाज के लिए गए थे। उन्होंने इस कृत्य को कैमरे में कैद कर लिया और तस्वीर प्रसारित कर दी, जो जल्द ही वायरल हो गई।

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