नक्सल दंपती ने किया आत्मसमर्पण : 2005 से थे नक्सल संगठन में सक्रिय, 16 लाख का था ईनाम
कोंडागांव में 16 लाख के इनामी नक्सली दंपति रैसिंग कुमेटी और पुनाय आचला ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
इसरार अहमद - कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता सामने आई है। वर्षों तक जंगलों में हिंसा का रास्ता अपनाने वाले 16 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने शुक्रवार को मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है। कोंडागांव, कांकेर और नारायणपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रहे रैसिंग कुमेटी उर्फ रतनसिंह कुमेटी और पुनाय आचला उर्फ हिरोंदा ने कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक वॉय अक्षय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
एसपी सहित 29 जवान हुए थे शहीद
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दोनों नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें 50-50 हजार रुपए की तत्काल प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। रैसिंग कुमेटी वर्ष 2002 से 2023 तक और पुनाय वर्ष 2005 से 2023 तक माओवादी संगठन के विभिन्न रणनीतिक अभियानों में सक्रिय रहे। रैसिंग वर्ष 2009 की राजनांदगांव के मदनवाड़ा की भीषण नक्सली घटना में शामिल था, जिसमें तत्कालीन एसपी समेत 29 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, पुनाय 2011 में एएसपी राजेश पवार पर हमले की घटना में शामिल रही, जिसमें 9 जवान शहीद हुए थे। इसके अतिरिक्त, 2007 में विश्रामपुरी थाना क्षेत्र में हुए हमले और आगजनी की घटनाओं में भी दोनों की संलिप्तता रही है।