जबरिया सफर से स्ट्रेस में आया था हिमालयन भालू: नागालैंड जूलॉजिकल पार्क से जंगल सफारी लाने के दौरान हुई थी मौत

नागालैंड जूलॉजिकल पार्क से लाए जा रहे नर हिमालयन भालू की मौत की पोस्टमार्टन रिपोर्ट हरिभूमि को मिली है।

Updated On 2025-08-04 11:13:00 IST

हिमालयन भालू (फाइल फोटो)

रायपुर। छह माह पूर्व एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नागालैंड जूलॉजिकल पार्क से लाए जा रहे नर हिमालयन भालू की मौत की पोस्टमार्टन रिपोर्ट हरिभूमि को मिली है। भालू की मौत की वजह तनाव में आना था। भालू को जब जंगल सफारी रायपुर लाने गाड़ी में चढ़ाया गया, उसी समय वह तनाव में आ गया और जोर-जोर से चिल्लाने के साथ रोने लगा। इसके बाद भालू को एक दिन रेस्ट दिया गया। दूसरे दिन पुनः गाड़ी में चढ़ाया गया, तो वह पुनः रोने के साथ चिल्लाने लगा। इसके बावजूद भालू को जबरन रायपुर लाने की कोशिश की गई। तनाव के कारण भालू ने रास्ते में दम तोड़ दिया। इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई है। भालू का पोस्टमार्टम कानन पेंडारी जू में 20 फरवरी को किया गया था।

जंगल सफारी प्रबंधन सीजेडए की अनुमति से नागालैंड जूलॉजिकल पार्क से पांच चीतल तथा दो काले हिरण के बदले दो हिमालयन भालू जंगल सफारी ला रहा था। भालू को लाने के दौरान पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा में भालू की तबीयत बिगड़ने लगी। भालू की बिगड़ती तबीयत को देख भालू लाने वाली टीम ने झारखंड स्थित बरही विश्राम गृह के पास गाड़ी रोक कर भालू को सामान्य करने की कोशिश की। इसके बाद भालू को आपाकतालीन चिकित्सा उपलब्ध कराने रांची स्थित बिरसा मुंडा प्राणी उद्यान लेकर गई।

तनाव में आने पर क्यों किया परिवहन
भालू एक ऐसा वन्यजीव है, जो अपनी जगह जल्दी से छोड़ना नहीं चाहता। भालू को जब गाड़ी में लादा गया, तो वह तनाव में आ गया। सामान्य करने एक दिन रेस्ट दिया गया। दूसरे दिन तनाव में आने के बाद भालू को जबरन क्यों लाया गया। इसे लेकर वन्यजीव के जानकार सवाल उठा रहे हैं। भालू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने भालू की किसी तरह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक मिलने की बात से इनकार किया।

मौत पर इस तरह से लीपापोती करने की कोशिश
भालू की मौत के बाद विभागीय अफसर तथा भालू परिवहन करने वाली टीम लीपापोती करने बहाने बनाने लगी। टीम ने दावा किया कि किसी ने जलपाईगुड़ी के पास भालू का वीडियो बनाकर वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल के पास भेज दिया। इसके चलते रास्ते में गाड़ी को रोक कर घंटों जांच की गई। तेज गर्मी की वजह से डिहाईड्रेशन होने की वजह से भालू की मौत होने का कारण बताया गया।

हजारी बाग के पास भालू ने दम तोड़ा
भालू की मौत की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक 16 फरवरी को शाम सात बजे गाड़ी में लादने के समय भालू गंभीर तनाव में आ गया। इसके बाद भालू को रातभर आराम करने दिया गया। दूसरे दिन दोपहर एक बजे भालू को रायपुर लाने पुनः गाड़ी में चढ़ाया गया। बरही विश्राम गृह के पास भालू को बेचैनी होने लगी और वह मुंह खोलकर सांस लेने लगा। इसके बाद यात्रा तुरंत रोक दी गई और आपातकालीन देखभाल और विशेषज्ञ सलाह दी गई। भालू के ठीक नहीं होने पर रांची के बिरसा मुंडा प्राणी उद्यान ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से वह हजारीबाग के पास गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। मृत्यु के कुछ घंटों बाद ही मृत शरीर में कठोरता आ गई, लेकिन पोस्टमार्टम के समय तक वह ढीला पड़ चुका था। उसका मुंह पूरी तरह खुला हुआ था और शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं दिखाई दे रहे थे।

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