जोगी प्रतिमा विवाद फिर गरमाया: जमीन पर परिवार का दावा, अमित जोगी बोले- भाजपा का आवेदन गैरकानूनी

ज्योतिपुर चौक में अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना को लेकर जोगी परिवार और प्रशासन के बीच विवाद फिर से तेज हो गया है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-06-02 20:05:00 IST

अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना को लेकर जोगी परिवार और प्रशासन के बीच विवाद फिर से तेज हो गया है


आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ज्योतिपुर चौक में स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक और कानूनी गरमाहट का कारण बन गया है। जोगी परिवार ने इस स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाए जाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।

मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार 2 जून को कोटा की पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और उनके पुत्र, मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराईं। यह मुलाकात लगभग आधे घंटे तक चली।

ज्योतिपुर चौक की भूमि उनके परिवार की स्वामित्व वाली है- अमित जोगी
अमित जोगी ने स्पष्ट किया कि ज्योतिपुर चौक की भूमि उनके परिवार की स्वामित्व वाली है, जिसे 1932 में स्वर्गीय श्री मॅजेस ने खरीदा था। यहां अकाल राहत के लिए एक कुआं भी बनवाया गया था। 2020 में इस जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी अमेरिकी संस्था द्वारा अतुल आर्थर को सौंपा गया। 2021 में अजीत जोगी के निधन के बाद, संबंधित सोसाइटी और अतुल आर्थर ने इस भूमि पर जोगी की आदमकद प्रतिमा और एक स्मृति उद्यान निर्माण की अनुमति दी थी।

प्रभारी मंत्री निधि से 3.30 रूपए लाख स्वीकृत
डॉ. रेणु जोगी के आग्रह पर तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रभारी मंत्री निधि से 3.30 रूपए लाख स्वीकृत किए थे, जिससे प्रतिमा हेतु चबूतरा और उद्यान का निर्माण हुआ। गौरेला नगर पालिका को केवल निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी, प्रतिमा की स्थापना की नहीं। अमित जोगी ने भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा दिए गए आवेदन को गैरकानूनी और भ्रामक बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि अजीत जोगी की प्रतिमा का तत्काल लोकार्पण किया जाए और किसी भी अन्य प्रतिमा स्थापना के प्रयासों को रोका जाए।

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