अमेरिका में भी रहेगी गणेशोत्सव की धूम: इस बार भी गुजरात से जा रही 'वॉशिंग्टनचा राजा' की प्रतिमा
भारत में भले ही श्रावण मास के बाद गणेशोत्सव की तैयारियां जोर पकड़ती हैं, लेकिन अमेरिका में श्रावण मास से ही इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी जाती हैं।
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रायपुर। सावन मास के बाद भक्तजनों को जिस उत्सव का सर्वाधिक इंतजार होता है, वह गणेशोत्सव है। भारत में भले ही श्रावण मास के बाद गणेशोत्सव की तैयारियां जोर पकड़ती हैं, लेकिन अमेरिका में श्रावण मास से ही इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी जाती हैं। महाराष्ट्र के प्रसिद्ध गणेश पंडाल लालबागचा राजा की तर्ज पर अमेरिका में वॉशिंटगनचा राजा की स्थापना की जाती है। कई वर्षों से सिलसिला जारी है।
दरअसल, अमेरिका में गणेश स्थापना के लिए प्रतिमाएं भारत से आयात होती हैं। इसलिए माहभर पूर्व ही प्रतिमाओं की बुकिंग सहित अन्य प्रक्रिया शुरू हो जाती है, ताकि ऐन वक्त पर भक्तों को निराशा ना हो या उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़े। भारत से अधिकतर गणेश प्रतिमाएं गुजरात से अमेरिका जाती है। गुजरात के मूर्तिकारों को कई माह पूर्व ही प्रतिमाओं के ऑर्डर अमेरिका से मिल जाते हैं। ऑर्डर के अनुसार विशेष स्वरूप में प्रतिमाएं तैयार कर प्रेषित की जाती हैं।
भारतीय रिटेल स्टोर में उपलब्ध
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार, 2023 अंत तक अमेरिका में निवासरत भारतीयों की संख्या 52 लाख थी। चूंकि अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय निवासरत हैं, इसलिए वहां कई इंडियन रिटेल स्टोर भी खुले हुए हैं। इनमें पटेल मार्केट, अपना बाजार जैसे कई ब्रांच और उनके चैन शामिल हैं। इन इंडियल रिटेल स्टोर्स में भारत से अमेरिका पहुंचने वाली गणेश प्रतिमाओं को रखा जाता है। भारत की तरह अमेरिका में पृथक रूप से बाजार सजा पाना संभव नहीं होता है, ऐसे में रिटेल स्टोर के भीतर ही विशेष सज्जा के साथ मूर्तियां प्रदर्शित की जाती हैं।
भव्य प्रतिमाएं केवल 2-3 स्थानों पर
छत्तीसगढ़ से अमेरिका जा बसे भारतीयों के समूह नाचा अर्थात नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन के गणेश कर ने हरिभूमि से विशेष बातचीत में कहा, अमेरिका में प्रतिमा विसर्जन के लिए पृथक रूप से कुंड अथवा इस तरह की अन्य व्यवस्थाएं शासन की ओर से नहीं की जाती है, ऐसे में भक्तजन अपने घरों में अथवा सोसायटियों में 1 से 2 फीट ऊंची प्रतिमाएं ही स्थापित करते हैं, जिन्हें आसानी घर में अथवा सोसायटी या मंदिरों में बनाए गए अस्थायी कुंड में विसर्जित किया जा सके। भव्य प्रतिमाएं पूरे अमेरिका में केवल 2-3 स्थानों में ही स्थापित की जाती है, जिनके विसर्जन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं।