खेतों में गिरदावरी की नई प्रणाली: डिजिटल क्रॉप सर्वे शुरू, मिलेगी सटीक जानकारी

छत्तीसगढ़ में धान की फसल के लिए होने वाली गिरदावरी अब इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से होगी। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे कहा जाता है।

Updated On 2025-08-18 12:00:00 IST

File Photo 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान की फसल के लिए होने वाली गिरदावरी अब इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से होगी। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे कहा जाता है। यह अभियान 15 अगस्त से शुरू किया गया है, जो 30 सितंबर तक चलेगा। इस क्रम में रायपुर जिले की सभी तहसीलों में यह काम प्रारंभ हो गया है।

बताया गया है कि, डिजिटल सर्वे का मुख्य उद्देश्य किसानों की वास्तविक फसल स्थिति का आकलन कर उन्हें राज्य एवं केंद्र शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभदिलाना है। इसके अलावा डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों की समृद्धि और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे खेती को नई तकनीक से जोड़कर किसानों की आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

हर खेत की सटीक जानकारी आएगी सामने
डिजिटल क्रॉप सर्वे में मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से बोई गई फसल की जानकारी एकत्र करने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि डेटा सीधे खेत से लिया जाए। यह डेटाबेस प्रत्येक कृषि भूखंड के बारे में सटीक, वास्तविक समय की फसल क्षेत्र की जानकारी प्रदान करता है, जो सटीक उत्पादन अनुमान लगाने में मदद करेगा।

एग्रीटेक एप में दर्ज होगी रिपोर्ट
डिजिटल क्रॉप सर्वे फील्ड स्तर पर सर्वेयर के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें सर्वेयर को स्वयं खेत में जाकर वहां की स्थिति और फसल का विवरण एग्रीटेक एप में दर्ज करना होता है। साथ में फोटो अपलोड करना होता है, जिसका सत्यापन बाद में पटवारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इससे फसल का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सकेगा और जमीन की जो परिसम्मति है, उनके संबंध में सही जानकारी प्राप्त होगी।

किसानों का अपने डेटा पर होता है पूरा नियंत्रण
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 और देश के अन्य आईटी कानूनों के अनुसार एग्री स्टैक विकसित किया है। एग्री स्टैक किसानों के डेटा की पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए किसानों के डेटा को केवल उनकी सहमति से एकत्र करता है। किसानों का अपने डेटा पर पूरा नियंत्रण होता है, जिसे केवल एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए उनकी सहमति के आधार पर अधिकृत संस्थाओं के साथ साझा किया जाता है। भारत सरकार एग्री स्टैक में मजबूत डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है। एग्री स्टैक किसानों की जानकारी को एक गुप्त कोड में भेजता है, ताकि केवल निर्दिष्ट सिस्टम ही इसे पढ़ सके। सुरक्षित एपीआई और टोकन-आधारित प्रमाणीकरण सभी डेटा एक्सचेंजों को नियंत्रित करते हैं, जिससे डेटा तक नियंत्रित पहुंच सुनिश्चित होती है। इसके अलावा सरकार इन सभी आईटी प्रणालियों का सुरक्षा ऑडिट करती है और जोखिमों की निगरानी करती है।

Tags:    

Similar News