पुरखा के सुरता कार्यक्रम: अध्यक्ष लता बोलीं- सरकारी काम-काज राजभाषा छत्तीसगढ़ी में हो इसके लिए बिलासपुर से रायपुर तक करेंगे पदयात्रा
मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच की अध्यक्ष लता राठौर द्वारा जन-जागरण का अभियान चलाया गया। कार्यक्रम की आयोजक लता राठौर ने कहा कि पुरखों का पुण्य स्मरण छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए जन-जागरण का अभियान है।
मंच पर खड़े हुए गणमान्य लोग
बिलासपुर। मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच की अध्यक्ष लता राठौर द्वारा जन-जागरण का अभियान चलाया गया। कार्यक्रम की आयोजक लता राठौर ने कहा कि पुरखों का पुण्य स्मरण छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए जन-जागरण का अभियान है।
इसी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ी समाज को जगाने, शिक्षा और सरकारी काम-काज राजभाषा छत्तीसगढ़ी में हो सके इसके लिए बिलासपुर से रायपुर तक पदयात्रा करेंगे। इससे पहले हम अलग-अलग जिलों में पुरखा के सुरता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचलान मंच के संयोजक और पत्रकार डॉ. वैभव बेमतरिहा ने किया। उन्होंने ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस का यह रजत जयंती वर्ष छत्तीसगढ़ी के लिए न्याय और उत्कर्ष का भी वर्ष है।
ये वरिष्ठ रहे उपस्थित
कार्यक्रम में डॉ. पालेश्वर शर्मा के पुत्र राजीव नयन शर्मा, उनके परिवार के सदस्य, सुरुज बाई खांडे के पति लखन खांडे, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अरुण चौहान, डॉ. देवनाथ, सरोज, संध्या, छाया, सुनीता दीदी, सुमित शर्मा, श्रीकुमार पांडे, वीरेंद्र गहवई, डॉ अजय पाठक, स्मृति जैन, अंकुर शुक्ला सहित बड़ी संख्या में राजनीति, साहित्य, शिक्षा, पत्रकार जगत से जुड़े प्रबुद्ध जन शामिल हुए। इस मौके पर सरुज बाई खांडे की बहन सोहारा खांडे ने बांसुरी की धुन में भरथरी गीत प्रस्तुत किया।