बीजापुर से निकले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी: खेल दिवस पर ‘शहीद कौशल यादव अवार्ड' से सम्मानित होंगे राकेश कड़ती

बीजापुर जिले में मेजर ध्यानचंद स्मृति पर आयोजित खेल अलंकरण समारोह में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राकेश कड़ती को ‘शहीद कौशल यादव' पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-08-25 17:15:00 IST

जूनियर सॉफ्टबॉल गर्ल्स टीम

गणेश मिश्रा - बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की स्मृति मनाई जाएगी। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर खेल अलंकरण समारोह रायपुर में आयोजित की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा जिले के सॉफ्टबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राकेश कड़ती को शहीद कौशल यादव अवार्ड से नवाजा जाएगा। वहीं जूनियर सॉफ्टबॉल गर्ल्स टीम को मुख्यमंत्री ट्रॉफी से अलंकृत किया जाएगा।

ये खिलाड़ी हैं शामिल
गर्ल्स टीम में बीजापुर जिले से अकादमी की सॉफ्टबॉल खिलाड़ी रेणुका तेलम, चंद्रकला तेलम, विमला तेलम और मीनू आरकी शामिल है। सबसे खास बात यह है कि, अब तक पूरे बस्तर संभाग से खेल के क्षेत्र में कभी भी राज्य स्तरीय अवॉर्ड से किसी भी खिलाड़ी को अलंकृत नहीं किया गया है।

खेल के क्षेत्र में बीजापुर जिले से शुरुआत
यह पहली मर्तबा है कि, खेल के क्षेत्र में बीजापुर जिले से शुरुआत हुई है। अब तक राकेश कड़ती ने 12 नेशनल और दो इंटरनेशनल में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें उनके नेशनल में 6 मेडल है। वहीं जूनियर टीम ने नेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर पदक हासिल किया था, जिसके तहत उन्हें मुख्यमंत्री ट्रॉफी से अलंकृत किया जाएगा।

खेल अधिकारी ने दी बधाईयां
यह बीजापुर जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस उपलब्धि को हासिल करने पर जिले के कलेक्टर संबित मिश्रा सीईओ जिला पंचायत नम्रता चौबे एवं प्रभारी खेल अधिकारी नारायण प्रसाद गवेल ने हार्दिक बधाइयां देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उक्त जानकारी जिले के श्रम निरीक्षक एवं सॉफ्टबॉल के अंतरराष्ट्रीय कोच सोपान करनेवार ने दी है।

यहां खेल और विकास से बदली तस्वीर
वहीं अगस्त का महीना आते ही राजनांदगांव जिले का कोलिहापुरी गांव रंगों और उत्सव से सराबोर हो जाता है। धान की रोपाई पूरी होने के बाद जहां एक ओर ग्रामीण पारंपरिक पोला उत्सव मनाते हैं, वहीं दूसरी ओर गांव का वार्षिक खेल महोत्सव लोगों के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह भर देता है। नीम के पेड़ तले बैठकर युवा खेल समितियां आलू दौड़, बेल दौड़, फुगड़ी, मटका फोड़, गेड़ी और रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन करती हैं। यह महोत्सव केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एकता, सामूहिक नेतृत्व और सामाजिक बंधन का प्रतीक है।

रिलायंस फाउंडेशन और गांव का बदलाव
रिलायंस फाउंडेशन ने वर्षों से कोलिहापुरी में सामाजिक व कृषि विकास को प्रोत्साहित किया है। 2012-13 में ग्राम संघ का गठन किया गया, जिसने विकास कार्यों की दिशा तय की। सामूहिक निर्णय से पानी की समस्या हल करने के लिए 2.5 किमी लिफ्ट इरिगेशन पाइपलाइन बिछाई गई। किसानों ने मिलकर जल उपयोगकर्ता समूह बनाया, जो आज भी पाइपलाइन का प्रबंधन करता है। एक ग्राम विकास कोष भी बनाया गया, जो अब ₹2.80 लाख तक पहुंच चुका है और आपात स्थितियों में ब्याज-मुक्त ऋण देता है। किसान दानिश वर्मा बताते हैं कि, पहले एक फसल के लिए संघर्ष करना पड़ता था, अब हम तीन फसलें- चना, गेहूं और मूंग उगाते हैं। लिफ्ट इरिगेशन ने पैदावार दोगुनी कर दी है।

खेल महोत्सव: एकता और उत्साह का प्रतीक
बढ़ती आमदनी से बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। कोलिहापुरी गांव आसपास के क्षेत्रों के लिए सहपाठी शिक्षा केंद्र बन चुका है। गांव की कक्षा 8 की छात्रा जया वर्मा कहती हैं कि, मुझे खेलों में भाग लेना बहुत अच्छा लगता है। पिछले साल मैंने फुगड़ी में पहला पुरस्कार जीता था। खेल दिवस मेरा सबसे पसंदीदा दिन है। बात दें कि, हर साल आयोजित होने वाला यह महोत्सव ग्रामीणों की सामूहिकता, टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करता है।

कोलिहापुरी: जहां खेल और विकास साथ चलते हैं, सामूहिक प्रयास से गांव में पानी और कृषि की समस्या का हल हुआ। खेल महोत्सव ने युवाओं को स्वास्थ्य, फिटनेस और एकजुटता की दिशा में प्रेरित किया। यह गांवआज सतत विकास और सामाजिक सहयोग का सशक्त उदाहरण है।

सारांश: जैसे-जैसे देश राष्ट्रीय खेल दिवस की तैयारी करता है, वैसे-वैसे कोलिहापुरी जैसे गांव यह संदेश देते हैं कि खेल और विकास मिलकर ही एक सशक्त और खुशहाल समाज की नींव रखते हैं।

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