अनोखी मिसाल: राजनांदगांव का कोलिहापुरी गांव, जहां खेल और विकास से बदली तस्वीर

राजनांदगांव कोलिहापुरी गांव
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राजनांदगांव कोलिहापुरी गांव खेल विकास

राजनांदगांव का कोलिहापुरी गांव पोला उत्सव और खेल महोत्सव के साथ सतत विकास की मिसाल बना। जानें कैसे लिफ्ट इरिगेशन और सामुदायिक पहल ने गांव बदला।

सचिन अग्रहरि- राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। अगस्त का महीना आते ही राजनांदगांव जिले का कोलिहापुरी गांव रंगों और उत्सव से सराबोर हो जाता है। धान की रोपाई पूरी होने के बाद जहां एक ओर ग्रामीण पारंपरिक पोला उत्सव मनाते हैं, वहीं दूसरी ओर गांव का वार्षिक खेल महोत्सव लोगों के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह भर देता है।

नीम के पेड़ तले बैठकर युवा खेल समितियां आलू दौड़, बेल दौड़, फुगड़ी, मटका फोड़, गेड़ी और रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन करती हैं। यह महोत्सव केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एकता, सामूहिक नेतृत्व और सामाजिक बंधन का प्रतीक है।


रिलायंस फाउंडेशन और गांव का बदलाव

रिलायंस फाउंडेशन ने वर्षों से कोलिहापुरी में सामाजिक व कृषि विकास को प्रोत्साहित किया है। 2012-13 में ग्राम संघ का गठन किया गया, जिसने विकास कार्यों की दिशा तय की। सामूहिक निर्णय से पानी की समस्या हल करने के लिए 2.5 किमी लिफ्ट इरिगेशन पाइपलाइन बिछाई गई।

किसानों ने मिलकर जल उपयोगकर्ता समूह बनाया, जो आज भी पाइपलाइन का प्रबंधन करता है। एक ग्राम विकास कोष भी बनाया गया, जो अब ₹2.80 लाख तक पहुंच चुका है और आपात स्थितियों में ब्याज-मुक्त ऋण देता है।

किसान दानिश वर्मा बताते हैं- "पहले एक फसल के लिए संघर्ष करना पड़ता था, अब हम तीन फसलें- चना, गेहूं और मूंग उगाते हैं। लिफ्ट इरिगेशन ने पैदावार दोगुनी कर दी है।"


गांव में शिक्षा और नए अवसर

बढ़ती आमदनी से बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। आज कोलिहापुरी गांव आसपास के क्षेत्रों के लिए सहपाठी शिक्षा केंद्र बन चुका है।


खेल महोत्सव: एकता और उत्साह का प्रतीक

गांव की कक्षा 8 की छात्रा जया वर्मा कहती हैं- "मुझे खेलों में भाग लेना बहुत अच्छा लगता है। पिछले साल मैंने फुगड़ी में पहला पुरस्कार जीता था। खेल दिवस मेरा सबसे पसंदीदा दिन है। " बात दें कि हर साल आयोजित होने वाला यह महोत्सव ग्रामीणों की सामूहिकता, टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करता है।


कोलिहापुरी: जहां खेल और विकास साथ चलते हैं, सामूहिक प्रयास से गांव में पानी और कृषि की समस्या का हल हुआ। खेल महोत्सव ने युवाओं को स्वास्थ्य, फिटनेस और एकजुटता की दिशा में प्रेरित किया। यह गांवआज सतत विकास और सामाजिक सहयोग का सशक्त उदाहरण है।

सारांश: जैसे-जैसे देश राष्ट्रीय खेल दिवस की तैयारी करता है, वैसे-वैसे कोलिहापुरी जैसे गांव यह संदेश देते हैं कि खेल और विकास मिलकर ही एक सशक्त और खुशहाल समाज की नींव रखते हैं।

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